हिमाचल प्रदेश राज्य निगरानी और भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो ने 2012 के 11.84 करोड़ रुपये के बिजली घोटाले में शामिल पांच व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। आरोपी तीन पूर्व HPSEBL वरिष्ठ इंजीनियर और दो निजी इस्पात कंपनी के निदेशक हैं। जांच में दिखा कि कंपनी के बिलों का भुगतान न होने पर भी बिजली फिर से चालू की गई। यह कार्रवाई नियामक निर्देशों के उल्लंघन में आई और बोर्ड को भारी नुकसान पहुँचा। केस में कानूनी प्रक्रिया और भ्रष्टाचार के प्रश्न उठे हैं।