फुट फ्रैक्चर: कारण, लक्षण और उपचार पर विस्तृत गाइड
जब आप फुट फ्रैक्चर, पैर की हड्डी में टूट-फूट को कहते हैं, अक्सर गिरने या भारी वस्तु से चोट लगने पर होता है. Also known as पैर का हड्डी क्षति, it demands timely medical attention to prevent complications. हड्डी का फ्रैक्चर अस्थि रोग का एक सामान्य रूप है, जिसमें हड्डी की सतह या अंदर टूट जाती है और अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जो हड्डी‑मांसपेशी प्रणाली के उपचार में विशेषज्ञ होते हैं की सलाह लेना जरूरी है। आमतौर पर रेडियन्टल इमेजिंग जैसे X‑ray या CT स्कैन, फ्रैक्चर के सटीक स्थान और ग्रेड को निर्धारित करती है, जिससे सही उपचार योजना बनती है। उपचार में स्थिरीकरण, दर्द प्रबंधन और भौतिक चिकित्सा फिजियोथेरेपी के माध्यम से हड्डी की शक्ति और गति को पुनः स्थापित करना शामिल हैं। इस प्रक्रिया में रोगी को सही पदभ्रंश, सँगठन और वजन‑धारण धीरे‑धीरे बढ़ाना पड़ता है, नहीं तो स्थायी असुविधा या चलने‑फिरने में बाधा आ सकती है।
मुख्य कारण, लक्षण और तत्काल कदम
फ़ुट फ्रैक्चर अक्सर अनपेक्षित गिरावट, खेल‑कूद में टक्कर या भारी वस्तु के वजन से होते हैं। इसके अलावा, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी की कमजोरियों से भी कम प्रभाव में फ्रैक्चर हो सकता है। प्रमुख लक्षणों में तेज दर्द, सूजन, हिलाने‑पर दर्द और कभी‑कभी दिखने वाली असामान्य आकृति शामिल हैं। यदि तुरंत आराम नहीं किया गया तो रक्तस्राव, नस‑तंतु की चोट और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में पहला कदम है दर्द को कम करने के लिए बर्फ़ से ठंडा करना, पैर को ऊँचा रखना और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना। डॉक्टर अक्सर X‑ray की सलाह देते हैं ताकि फ्रैक्चर की सटीकता पता चल सके। यदि हड्डी का टुकड़ा बाहर निकला हो तो ओपन रिडक्शन की जरूरत पड़ सकती है, जबकि साधारण केस में प्लास्टर या ब्रेस लगाकर स्थिरीकरण किया जाता है। दर्द कम करने के लिए इबुप्रोफेन या पेरासिटामोल जैसे एनाल्जेसिक उपयोग किए जाते हैं, लेकिन डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना एंटी‑इंफ़्लेमेटरी दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
एक बार फ्रैक्चर स्थिर हो जाने के बाद, पुनर्वास चरण महत्वपूर्ण हो जाता है। फिजियोथेरेपी में हल्के स्ट्रेचिंग, मांसपेशी की शक्ति बढ़ाने वाले व्यायाम और धीरे‑धीरे भार स्वीकार करने वाले अभ्यास शामिल होते हैं। यह चरण आमतौर पर 6‑12 हफ़्ते तक चलता है, और रोगी की प्रगति के अनुसार समायोजित किया जाता है। रोज़मर्रा की जिंदगी में सहायता के लिए एलेवेटर, मोशन एइड या वॉकर का उपयोग किया जा सकता है, जिससे गिरने का जोखिम कम हो। साथ ही, पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन‑D सप्लीमेंट से हड्डी की मरम्मत तेज़ हो सकती है। डॉक्टर अक्सर फ़ॉलो‑अप अपॉइंटमेंट पर हड्डी की जॉइंट मोबिलिटी और दर्द स्तर की जांच करते हैं, ताकि समय पर किसी भी जटिलता को पकड़ा जा सके। अंत में, सही जूते पहनना और सुरक्षित खेल‑कूद की आदतें अपनाना भविष्य में समान चोटों से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है। इन सभी बिंदुओं को समझकर आप न केवल फ्रैक्चर के तुरंत बाद सही कदम उठा पाएंगे, बल्कि लम्बी अवधि में स्वस्थ पैरों की देखरेख भी कर पाएंगे। नीचे दी गई लेख सूची में आप फुट फ्रैक्चर से जुड़ी विस्तृत खबरें, विशेषज्ञ राय और उपयोगी टिप्स पाएंगे, जो आपके सवालों के जवाब देंगे और चलने‑फिरने में मदद करेंगे।
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सित॰
रिषभ पेंट को चौथे टेस्ट में हुए फुट फ्रैक्चर के कारण ओवल में पाँचवें और आखिरी टेस्ट से बाहर कर दिया गया है। बॉलिंग के दौरान एक रिवर्स स्विप में चोट लगी, फिर भी पैंट ने 54 रन बनाए। तमिलनाडु के न जगदेसन को विकल्प के रूप में बुलाया गया। भारत की सीरीज में तीसरे स्थान का स्कोरर पैंट की गैरहाजिरी टीम के लिए बड़ा झटका है।