भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट श्रृंखला का क्रेज़

एडिलेड ओवल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट मैच का पहला दिन सचमुच अद्वितीय रहा। पिछले कई सालों से, क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों में टेस्ट मैच की प्रासंगिकता बनी हुई है। एक समय था जब टेस्ट क्रिकेट की पूछ में गिरावट आई थी, लेकिन अब ऐसे रिकॉर्ड तोड़ने वाले दर्शकों की मौजूदगी ने इस खेल के प्रति जनता के अटूट प्रेम को साबित कर दिया है। पहले दिन को देखने के लिए 36,225 वाहक दर्शक स्टेडियम पहुंचे। यह आंकड़ा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पिछले 2011-12 के 35,081 दर्शकों के रिकॉर्ड को तोड़ देता है।

पिंक-बॉल टेस्ट में भारत की उपलब्धि

यह भारत का ऑस्ट्रेलिया में पहला पिंक-बॉल टेस्ट मैच है और यह वही मैदान है जहां 2020 में भारत की टीम 36 रनों पर आउट हुई थी। उस घटना का असर आज भी भारतीय टीम के मनोबल पर देखा जा सकता है। पिंक-बॉल टेस्ट आपको चमकते हुए क्रिकेट की एक अलग आकर्षण देता है और यह दिन-रात परीक्षण में खेल की नयी चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है। भारतीय टीम ने इस मुकाबले को जीत कर यह साबित किया है कि उनका मनोबल क्षीण नहीं हुआ है, बल्कि और भी मजबूत हुआ है।

पर्थ स्टेडियम में दर्शकों का समर्पण

एडिलेड के अलावा, ऑप्टस स्टेडियम में भी दर्शकों की भारी भीड़ देखी गई। पहले दो दिन क्रमशः 31,302 और 32,368 दर्शकों ने मैच का आनंद लिया। कुल मिलाकर, पर्थ में इस श्रृंखला के पहले मैच के लिए 96,463 दर्शकों का रेकोर्ड बनाया गया, जो वहां के स्टेडियम के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

श्रृंखला के बदलते समीकरण

श्रृंखला के बदलते समीकरण

सम्पूर्ण पांच मैचों की श्रृंखला में यह दूसरा टेस्ट मैच भारत के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय टीम पहला मैच बड़े अंतर से 295 रनों से जीत चुकी है। अब लक्ष्य श्रृंखला में अपनी बढ़त को बढ़ाने का है। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई टीम इस मुकाबले में बराबरी करने के लिए उत्सुक है।

क्रिकेट में दर्शकों की उपस्थिति से यह संकेत मिलता है कि खेल प्रेमियों के बीच ऐसे मुकाबलों की लोकप्रियता अब भी चरम पर है और खेल की भावना अभी भी जीवित है। भले ही यह एडिलेड का मैदान हो या सिडनी का, ब्रिस्बेन हो या मेलबोर्न, क्रिकेट का यह दीवानापन सभी जगह फैला हुआ है।