क्रेडिट लागत क्या है और क्यों मायने रखती है
जब आप लोन लेते हैं, तो सिर्फ ब्याज ही खर्च नहीं होता—कुल जो खर्च बनता है वही क्रेडिट लागत है। इसमें ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, प्रोमोस, बीमा, शुरुआती शुल्क और देर होने पर जुर्माना सब शामिल होता है। सरल तरीका: लोन की असली कीमत जानने के लिए APR (वार्षिक वास्तविक दर) देखें, न कि सिर्फ नॉमिनल ब्याज।
क्रेडिट लागत के मुख्य हिस्से
ब्याज दर: यह मुख्य हिस्सा है। फ्लैट और रिड्यूसिंग दोनों तरह के कैलकुलेशन होते हैं—रिड्यूसिंग में ब्याज घटता है जैसे EMI भरते हैं।
फीस और चार्ज: प्रोसेसिंग फीस, वन-टाइम सर्विस चार्ज और दस्तावेज़ शुल्क अक्सर छिपे होते हैं।
बीमा और गारंटी: कुछ लोन में बीमा जरूरी होता है, जिसकी प्रीमियम अलग से जोड़ता है।
प्रीपेमेंट और लैट फीस: समय से पहले लौटाने पर पेनल्टी और देर से भुगतान पर लेट फीस जोड़ देती है।
क्रेडिट स्कोर का प्रभाव: आपकी CIBIL या क्रेडिट रेटिंग छोटी सी दर में बड़े फर्क ला सकती है—अच्छा स्कोर मतलब कम ब्याज।
क्रेडिट लागत कम करने के आसान तरीके
1) अलग-अलग ऑफर तुलना करें: बैंक और NBFC की कुल लागत (APR) मिलाकर देखें, केवल शोर रुपए न देखें।
2) क्रेडिट स्कोर सुधारें: समय पर बिल और लोन भुगतान से 1–2% तक कम ब्याज मिलना सामान्य है।
3) कम अवधि चुनें पर ध्यान रखें: छोटी अवधि में कुल ब्याज कम होता है, पर EMI अधिक होगा—आपकी क्षमता के अनुसार चुनें।
4) अग्रिम भुगतान (prepay) का लाभ उठाएँ जब पेनल्टी कम हो।
5) शॉर्ट-टर्म ऑफर्स और बैलेंस ट्रांसफर सोचें—पर फाइन प्रिन्ट जरूर पढ़ें।
6) सिक्योर्ड लोन लें अगर संभव हो; रेट अक्सर अनसिक्योर्ड से कम होते हैं।
7) फिक्स्ड बनाम फ्लोटिंग: रिज़ल्ट देखने के लिए बैंक की पॉलिसी और आरबीआई के ट्रेंड समझें।
8) EMI कैलकुलेटर का प्रयोग करें—एक उदाहरण से समझें: 10 लाख का लोन 10% पर 5 साल में EMI ~21,250 रु; वहीं 8% पर EMI ~20,300 रु—कुल बचत हजारों में होगी।
9) छुपी फीस पर सवाल करें और लिखित में पक्का कर लें।
10) किसी खरीद के लिए लोन लेना जरूरी है क्या, यह दो बार सोचें—कभी-कभी बचत करके अच्छी सौदे मिल जाते हैं।
अगर आप लोन के कागजात समझने में असहज हैं तो बैंक के ग्राहक अधिकारी से सीधे पूछें या वित्तीय सलाहकार की मदद लें। छोटे सवाल पूछने से भी बड़ी बचत हो सकती है—क्या प्रोसेसिंग फीस वसूली जाएगी, क्या प्रीपेमेंट पर चार्ज है, APR क्या बता रहा है।
आखिर में, क्रेडिट लागत कम करने की कुंजी है जानकारी और तुलना। सही निर्णय लेने पर आप हर साल अच्छी राशि बचा सकते हैं। अपना बजट, भविष्य की आय और अपातकालीन फंड देखकर ही लोन लें।
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जुल॰
Axis Bank के शेयर Q1 नतीजों के बाद 6% गिर गए। बढ़ती क्रेडिट लागतें और मुश्किल जमा स्थिति कारण बने। बैंक का शुद्ध लाभ ₹6035 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹5797.1 करोड़ की तुलना में 4% अधिक है। बावजूद इसके, अनुमान से 11% कम रहा।