Axis Bank के नतीजों के बाद शेयरों में गिरावट

Q1 के नतीजों के बाद Axis Bank के शेयरों में 6% की गिरावट देखी गई। यह गिरावट मुख्य रूप से बढ़ती क्रेडिट लागतों और जमा स्थिति में चुनौतियों के कारण आई। बैंक ने इस तिमाही में ₹6035 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले साल के उसी तिमाही में ₹5797.1 करोड़ की तुलना में 4% अधिक है, लेकिन इसके बावजूद यह उम्मीदों से 11% कम रहा।

बैंकों के हितों का आंकलन

बैंक का ब्याज आय इस तिमाही में ₹30061 करोड़ रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ₹25557 करोड़ से 18% अधिक है। वहीं, इस तिमाही में ₹16613 करोड़ का खर्च देखा गया। बैंक का ग्रॉस NPA अनुपात 1.54% तक बढ़ गया, जो पिछली तिमाही में 1.43% था, जबकि नेट NPA अनुपात 0.34% रहा, जो पिछली तिमाही में 0.31% था।

प्रोविज़न ₹2039 करोड़ तक बढ़ गए, जो पिछली तिमाही में ₹1185 करोड़ और पिछले साल की उसी तिमाही में ₹1035 करोड़ थे। ब्रोकरजेस का मिश्रित प्रतिक्रिया रही, जिसमें Citi ने स्टॉक को न्यूट्रल रेटिंग में डाउनग्रेड किया और लक्ष्य मूल्य ₹1320 निर्धारित किया। JPMorgan ने ऊपरवेट रेटिंग बनाए रखी और लक्ष्य मूल्य को ₹1325 तक बढ़ा दिया। UBS ने भी न्यूट्रल रुख बनाए रखा और ₹1150 का लक्ष्य मूल्य निर्धारित किया।

बैंकिंग सेक्टर की चुनौतियाँ

बैंक का लोन-टू-डिपॉजिट अनुपात (LDR) 92% से अधिक हो गया, जो कि कॉर्पोरेट अग्रिमों के कारण था, जिसने 5% बढ़त दिखाई और अग्रिमों में 1.6% की वृद्धि की। बैंक की संपत्ति गुणवत्ता मौसमी स्लिपेज और कमजोर रिकवरी के कारण प्रभावित हुई, जिसके परिणामस्वरूप क्रेडिट लागतें बढ़ीं।

क्रेडिट लागतें और भविष्य की रणनीतियाँ

क्रेडिट लागतें और भविष्य की रणनीतियाँ

बैंकिंग सेक्टर की लगातार बदलती स्थितियों के बावजूद, बैंक की रणनीति पर बारीकी से ध्यान देने की आवश्यकता है। बढ़ती क्रेडिट लागतों को ध्यान में रखते हुए, आक्सिस बैंक ने भविष्य की ऋण नीतियों को पुनर्विचार करना शुरू कर दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि बैंक को अपनी जमा स्थिति को मजबूत करने के लिए नई रणनीतियाँ अपनानी होंगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक की प्रक्रिया में ऐसे सुधार होने चाहिए जिससे ग्राहकों को अधिक लाभ मिले और नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स नियंत्रित हों। इन कदमों के माध्यम से बैंक भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।

इसके अतिरिक्त, बैंकिंग क्षेत्र में उभरती चुनौतियों के बीच नियमित समीक्षा और विश्लेषण की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, निवेशकों और नीति निर्धारकों को समय-समय पर बैंक के प्रदर्शन को मॉनिटर करना चाहिए।