कीमोथेरेपी: क्या है और आप क्या जानें
कीमोथेरेपी (Chemotherapy) कैंसर के इलाज में दवाओं का उपयोग है जो तेजी से बढ़ने वाली कोशिकाओं को मारती या उनकी वृद्धि रोकती है। इसका लक्ष्य ट्यूमर को छोटा करना, कैंसर फैलने से रोकना या लक्षित ट्रीटमेंट के साथ मिलकर पूरी तरह ठीक करना हो सकता है। हर रोगी के लिए योजना अलग होती है — दवा, डोज़ और उपचार की अवधि कैंसर के प्रकार और चरण पर निर्भर करते हैं।
कीमोथेरेपी कैसे दी जाती है
कीमो कई तरीकों से दी जा सकती है: नस (IV) में, गोली के रूप में, इंजेक्शन के जरिए या कभी-कभी सीधे शरीर के किसी हिस्से में। कुछ दवाएँ सप्ताहिक शेड्यूल पर दी जाती हैं, कुछ चक्रों में—एक अवधि के बाद आराम का समय। अस्पताल में मिलने वाला शेड्यूल आपके डॉक्टर बताएंगे। यह समझना जरूरी है कि लगता है आसान तो भी शरीर पर असर अलग-अलग हो सकता है।
सामान्य दुष्प्रभाव और उनसे निपटने के तरीके
कीमो के सामान्य साइड इफेक्ट में थकान, उल्टी/मतली, बाल झड़ना, इम्यूनिटी कम होना, मुंह में घाव और त्वचा में बदलाव शामिल हैं। इनका अनुभव हर किसी में अलग होता है। डॉक्टर अक्सर उल्टी रोकने की दवाएं, एंटीबायोटिक सुझाव और पोषण संबंधी सलाह देते हैं।
कुछ आसान उपाय काम आते हैं: आराम लें, छोटे-छोटे भोजन और अधिक तरल पदार्थ लें, मुंह की सफाई पर ध्यान दें और भीड़ वाले स्थानों से बचें जब आपकी इम्यूनिटी कम हो। बालों के झड़ने के बारे में चिंता हो तो स्कार्फ या विग विकल्प देखें—यह अस्थायी होता है और ज्यादातर मामलों में बाल पुनः उगते हैं।
बुखार, असामान्य रक्तस्राव, तेज सांस की तकलीफ या तेज पेट दर्द जैसे संकेत मिलें तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें। कीमो के दौरान छोटी समस्यों को अनदेखा न करें क्योंकि संक्रमण जल्दी फैल सकता है।
डॉक्टर से कौन से सवाल पूछें
आपके पास कई सवाल होना स्वाभाविक है। पूछने योग्य कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न: इस कीमो का उद्देश्य क्या है (ठीक करना, प्यूरीफाई करना, लक्षण कम करना)? दवा के प्रमुख साइड इफेक्ट क्या होंगे?र्व कब दिखेंगे और कैसे संभालेंगे? क्या फर्टिलिटी पर असर होगा और बचाव का तरीका क्या है? किस तरह की सपोर्ट सर्विस मिलेंगी (न्यूट्रिशनिस्ट, काउंसलिंग)? दूसरे डॉक्टर से राय कब और क्यों लेनी चाहिए?
याद रखें, कीमो अकेला इलाज नहीं। सर्जरी, रेडिएशन या नई दवाएँ (टार्गेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी) भी साथ हो सकती हैं। इलाज के फैसले में आप, परिवार और टीम साथ मिलकर निर्णय लें।
अगर आप परिचितों के अनुभव सुन रहे हैं तो ध्यान रखें कि हर केस अलग है। सोशल मीडिया पर पढ़ी हर बात आपके लिए सही नहीं होगी। दूसरे विकल्पों पर चर्चा करें, और जरूरत पड़े तो सेकेंड ओपिनियन लें।
अंत में, छोटे-छोटे कदम बड़ी मदद करते हैं: दवा का समय ठीक रखें, पोषण पर ध्यान दें, भावनात्मक सपोर्ट लें और किसी भी अनपेक्षित लक्षण पर तुरंत संपर्क करें। कीमो कठिन हो सकती है, पर सही जानकारी और तैयारी से इसे संभालना आसान बनता है।