जब दिल्ली जल बोर्ड ने को राजधानी के 40 स्थलों पर सार्वजनिक आउटरीच कैंपदिल्ली आयोजित किए, तो लाखों निवासियों को जल‑सेवर सेवाएँ सीधे उनके पड़ोस में मिल गईं। इन कैंपों में नई जल कनेक्शन मंजूरी, बिल समाधान, मीटर बदलवाना आदि तुरंत उपलब्ध कराए गए, और यह पहल जल मंत्री परवेश साहिब सिंह वर्मा, जल मंत्री द्वारा घोषित 100% बिल छूट योजना के साथ मिलकर काम कर रही है।
आउटरीच कैंप: उद्देश्यों और कार्यप्रणाली
डिजिटल‑पहले सर्विस मॉडल से हटकर, DJB ने इस पहलकदमियों को "नागरिक‑पहले" सिद्धांत के तहत तैयार किया। प्रत्येक कैंप में एक क्षेत्रीय राजस्व अधिकारी तैनात था, जो नागरिकों के प्रश्नों का तुरंत जवाब देता था। कैंपों के मुख्य कार्य थे:
- नई जल और सीवर कनेक्शन के लिए तुरंत अनुमोदन।
- पुराने कनेक्शन पर नाम परिवर्तन और टाउन‑ऑफ़‑वॉटर।
- बिल में उपभोग‑अधारित त्रुटियों को हटाना, रीयल‑टाइम देयता देखना।
- मीटर बदलवाना, मोबाइल नंबर अपडेट करना, और त्वरित भुगतान रसीद जारी करना।
लगभग 30,000 लोगों ने इस पहल में भाग लिया, जिससे DJB के कार्यालयों में भीड़भाड़ कम हुई। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, "हमें खुशी है कि अब लोग घर के दो कदम पर ही सभी सेवाएँ ले सकते हैं, बिना लंबी कतारों के।"
बिल राहत योजना: विवरण और शर्तें
परवेश साहिब सिंह वर्मा ने पिछले महीने घोषणा की थी कि 29 लाख पंजीकृत घरेलू उपभोक्ताओं को जल राहत योजना के तहत देर‑भुगतान शुल्क (Late Payment Surcharge) में 100% छूट दी जाएगी, बशर्ते वे 31 मार्च 2026 तक अपना बिल निपटा लें। इस योजना के मुख्य बिंदु हैं:
- देर‑भुगतान शुल्क की सामान्य दर 5% से घटाकर 2% कर दी गई।
- यदि बिल 31 मार्च 2026 के बाद जमा किया गया, तो 70% की छूट लागू होगी।
- वाणिज्यिक उपयोगकर्ता और सरकारी विभाग इस छूट से बाहर हैं (शुरुआती चरण में)।
- अवैध कॉलोनी में जल रेगुलराइज़ेशन फीस घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए रु 26,000 से घटाकर रु 1,000 कर दी गई; अन्य वर्गों के लिए रु 61,000 से रु 5,000।
राजस्व विभाग ने बताया कि दिल्ली में जल बिलों की कुल बकाया राशि लगभग रु 1.42 लाख करोड़ तक पहुंच चुकी है, जिससे सार्वजनिक असंतोष बढ़ रहा था। इस राहत योजना का लक्ष्य न केवल भरोसा वापस बनाना है, बल्कि देनदारियों को साफ़ करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।
जन प्रतिक्रिया और विशेषज्ञ विश्लेषण
कैंपों में उपस्थित कई नागरिकों ने राहत महसूस की। एक बुजुर्ग महिला ने कहा, "पहले तो हम हर महीने के बाद बिल देख कर चुपचाप झूठे दरों को सहन करते थे, अब सीधे यहाँ जाकर सब साफ़ हो गया।" वहीं, एक छोटे व्यापार मालिक ने बताया कि "बिल में छूट नहीं है, पर हम सरकारी विभागों से भी लाभ उठाने की आशा रखते हैं।"
जल नीति विशेषज्ञ डॉ. अंजलि शर्मा (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ वाटर मैनेजमेंट) ने कहा, "बिल राहत योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बहुत ही समय पर मदद पहुंचाएगी, परन्तु इससे पहले हमें जल चोरी और अनियमित कनेक्शन को रोकना होगा, नहीं तो छूट के बाद भी बकाया जमा हो सकता है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि सस्ती रेगुलराइज़ेशन फीस के कारण कई अनौपचारिक कॉलोनी अब आधिकारिक जल नेटवर्क से जुड़ पाएँगे, जिससे जल वितरण की दक्षता बढ़ेगी।
आगे की राह: आगामी कदम और अपेक्षित प्रभाव
DJB ने घोषणा की है कि अगस्त के पूरे महीने के हर मंगलवार को ऐसे कैंप लगाए जाएंगे, जिससे कुल 5 सप्ताह में 200 से अधिक स्थानों पर सेवा पहुंचाई जा सके। इस पहल के साथ, DJB ने अपने डिजिटल बिलिंग प्लेटफ़ॉर्म को अपडेट करने का भी वादा किया है, ताकि भविष्य में ऑनलाइन भुगतान और रीयल‑टाइम उपयोग डेटा उपलब्ध कराया जा सके।
यदि योजना सफल रहती है, तो अनुमान है कि 2026 तक जल बकाया में 30% की कमी आएगी और नागरिकों का भरोसा 70% तक बढ़ेगा। साथ ही, जल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और जल किफ़ायती दरों के कारण पानी की बचत भी अनुमानित रूप से 15% तक हो सकती है।
Frequently Asked Questions
आउटरीच कैंपों में कौन‑कौन सी सेवाएँ मिलती हैं?
इन कैंपों में नई जल‑सेवर कनेक्शन, मौजूदा कनेक्शन पर नाम बदलना, मीटर बदलवाना, बिल में त्रुटियों का सुधार, रीयल‑टाइम बकाया देखना और तुरंत भुगतान रसीद प्राप्त करना शामिल है। साथ ही, मोबाइल नंबर अपडेट और जल सुरक्षा सम्बन्धी जनजागरूकता सत्र भी आयोजित होते हैं।
जल राहत योजना के तहत कौन‑से उपयोगकर्ता लाभान्वित होंगे?
मुख्य रूप से घरेलू (निवासी) उपभोक्ता और सरकारी विभाग (पर्यटन, स्वास्थ्य आदि) इस योजना से लाभ उठाएंगे। वाणिज्यिक संस्थाएं तथा बड़े संस्थागत ग्राहक इस चरण में छूट से बाहर रखे गए हैं।
देर‑भुगतान शुल्क में छूट कब तक लागू रहेगी?
यदि बिल 31 मार्च 2026 से पहले जमा किया जाता है तो देर‑भुगतान शुल्क पर 100% छूट मिलेगी। इस तिथि के बाद, 70% की छूट लागू होगी, जबकि शेष शुल्क सामान्य दर पर रहेगा।
अवैध कॉलोनी में जल रेगुलराइज़ेशन शुल्क क्यों घटाया गया?
वित्तीय बोझ कम करने और अनौपचारिक बस्ती को आधिकारिक जल नेटवर्क से जोड़ने के लिए शुल्क को रु 26,000 से घटाकर रु 1,000 कर दिया गया। इससे पानी की गुणवत्ता सुधरेगी और जल चोरी की संभावनाएँ घटेंगी।
डिजिटल बिलिंग अपग्रेड कब तक पूरा होगा?
डिजिटल बिलिंग सॉफ़्टवेयर का अपग्रेड प्रक्रिया अभी चल रही है और अनुमानित रूप से दिसंबर 2025 के अंत तक पूरी हो जाएगी, जिसके बाद सभी उपभोक्ताओं को ऑनलाइन भुगतान और रीयल‑टाइम बिल ट्रैकिंग की सुविधा मिलेगी।
Nathan Rodan
अक्तूबर 6, 2025 AT 00:40दिल्ली जल बोर्ड की इस पहल ने शहर के कई कोनों में बदलाव की हवा ला दी है।
कैंपों में लोग अपने घर के दो कदम पर कनेक्शन और बिल की समस्या को हल कराते हैं, जिससे लंबी कतारें खत्म हो गईं।
नई जल‑सेवर कनेक्शन की तुरंत मंजूरी ने कई स्लम और अनौपचारिक बस्तियों को आधिकारिक जल नेटवर्क से जोड़ दिया है।
मीटर बदलवाने की प्रक्रिया में देरी नहीं हुई और सभी को रीयल‑टाइम बकाया देख कर भुगतान करने का विकल्प मिला।
बिल में त्रुटियों को हटाने के बाद कई परिवारों को अनावश्यक शुल्क से राहत मिली।
परवेश साहिब सिंह वर्मा द्वारा घोषित 100 % बिल छूट योजना ने विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आश्वासन दिया है।
गिनती में 30 हजार लोगों ने इस कैंप में भाग लेकर अपनी समस्याओं को हल कराया।
कमेटी की टीम ने बताया कि इस पहल से जल बोर्ड की कार्यक्षमता में उल्लेखनीय सुधार आएगा।
हर मंगलवार किए जाने वाले कैंपों से अपेक्षित है कि 2026 तक जल बकाया में 30 % की गिरावट आएगी।
साथ ही, जल किफ़ायती दरों और बचत के कारण पानी की बचत भी 15 % तक बढ़ सकती है।
डिजिटल बिलिंग अपग्रेड के साथ ऑनलाइन भुगतान की सुविधा अब अधिक सहज हो जाएगी।
स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे क्योंकि कैंप चलाने में कई तकनीशियन और प्रशासक जुड़ेंगे।
भविष्य में इस मॉडल को अन्य राज्यों में भी अपनाने की संभावना देखी जा रही है।
समग्र रूप से यह पहल जल सेवाओं के लोकतंत्रीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आशा है कि नागरिकों का भरोसा फिर से जल बोर्ड पर कायम हो जाएगा।