यू.के. चुनाव 2024: ब्रिटेन के मतदाता करेंगे इतिहास
यू.के. चुनाव 2024 में, ब्रिटेन के लाखों मतदाताओं ने 650 सांसदों को चुनने के लिए मतदान किया है। यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लेबर पार्टी की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की जा रही है, जिसमें पार्टी को 400 से अधिक सीटें मिलने की उम्मीद है।
राजनीतिक दलों की रणनीति और चर्चा
लेबर पार्टी के नेता केइर स्टारमर ने परिवर्तन के एजेंडे पर जोर दिया है। उन्होंने बढ़ती ऊर्जा की कीमतों, मुद्रास्फीति, और लागत जीवन संकट जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी है। इसके अलावा, उन्होंने सार्वजनिक सेवाओं की स्थिति पर भी प्रकाश डाला है, जिनमें डॉक्टर अपॉइंटमेंट्स के लिए लंबी प्रतीक्षाएँ शामिल हैं।
दूसरी ओर, कंजरवेटिव पार्टी के वर्तमान प्रधानमंत्री रिषी सुनक ने लेबर पार्टी पर करों को बढ़ाने का आरोप लगाया है। यह चुनाव उनके लिए एक महत्वपूर्ण समय पर आया है, जब उनकी पार्टी 14 साल से सत्ता में है। इस दौरान, ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से बाहर होने के लिए मतदान किया, COVID-19 महामारी का सामना किया, और वैश्विक मुद्रास्फीति के दबाव के कारण आर्थिक संघर्षों से जूझ रहा है।
कई चुनौतियों का सामना
कंजरवेटिव सरकार कई चुनौतियों के साथ जूझ रही है, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लॉकडाउन नियमों को तोड़ने का मामला भी शामिल है। इन सभी परिस्थितियों ने वर्तमान सरकार की स्थिति को कमजोर कर दिया है और यही कारण है कि लेबर पार्टी की जीत की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
किंग चार्ल्स III की महत्वपूर्ण भूमिका
किंग चार्ल्स III को शुक्रवार को अगले प्रधानमंत्री की नियुक्ति करनी है। यह चुनाव विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें संसद में सबसे अधिक संख्या में अल्पसंख्यक पृष्ठभूमिके सांसदों के चुने जाने की संभावना है।预计20-30और सांसद जो अल्पसंख्यक पृष्ठभूमिके होंगे।
लिबरल डेमोक्रेट्स भी उम्मीद कर रहे हैं कि वे नई संसद में तीसरे स्थान पर रहेंगे, जबकि अन्य पार्टियों में स्कॉटिश नेशनल पार्टी, ग्रीन पार्टी और रिफॉर्म यू.के. भी चुनावी मैदान में हैं।
 
चुनाव एवं परिणाम की उम्मीद
इस बार के चुनाव में ब्रेक्सिट और वैश्विक मुद्रास्फीति के प्रभाव ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने 14 साल के शासन के दौरान, कंजरवेटिव पार्टी ने देश को कई उतार-चढ़ाव से गुजरते देखा है, जिसमें सबसे बड़ी बात यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का निर्णय था।
इस चुनाव के नतीजे शुक्रवार की सुबह घोषित किए जाएंगे, जो रिषी सुनक की कंजरवेटिव सरकार के भाग्य का फैसला करेंगे। कंजरवेटिव पार्टी के लिए यह चुनाव उनके भविष्य के दिशा-निर्देश तय करेगा, जबकि लेबर पार्टी की जीत नई उम्मीदों और नए दिशानिर्देशों का संकेत देगा।
 
                                                                         
                                            
                                             
                                            
                                             
                                            
                                             
                                            
                                             
                                            
                                            
Vakil Taufique Qureshi
जुलाई 4, 2024 AT 22:18लेबर की बड़ी जीत तो निश्चित ही कंजरवेटिव के दशकों के लालच का परिणाम है। उनका लगातार एंधा‑बोलता रवैया जनता को थका रहा है।
Jaykumar Prajapati
जुलाई 4, 2024 AT 22:37ऐसे बड़े बदलाव की बात सुनते‑ही मेरा दिमाग बॉलबोर्ड पर उलझन भरे साज़िश तकीके से धूमिल हो जाता है। क्या किंग चार्ल्स को पता है कि इन बातों के पीछे छिपा ग्रुप कौन‑सा है? वही लोग जो बोरिस जॉनसन की लॉकडाउन फ्रीजिंग को छुपाते हैं, अब लेबर को कूदते‑कूदते देख रहे हैं। उन्हें लगा था कि जनता सो रहे हैं, पर असल में सबका दिमाग क्लाउड में है और वही गेम चल रहा है। इस सब में पब्लिक सर्विसेज का क्या? बोरियों को तो सिर्फ अपनी जेबों की परवाह है।
PANKAJ KUMAR
जुलाई 4, 2024 AT 22:56भाई, आप सही कह रहे हो कि परदे के पीछे कुछ चल रहा हो सकता है, पर हमें ठोस डेटा के साथ बात करनी चाहिए। लेबर ने जो एजेण्डा बताया है, वाकई में कई लोगों के रोज़मर्रा के दर्द से जुड़ा है, जैसे डॉक्टर की अपॉइंटमेंट लंबी होना। इस बीच कंजरवेटिव को फूटाग्राफ़ी के साथ ऊर्जा की कीमतों को समझाना मुश्किल रहेगा। हमें यह देखना चाहिए कि कौन‑से प्रस्ताव वास्तव में असरदार हैं, न कि सिर्फ शब्दों के जाल। अगर हम मिलकर इन मुद्दों को समझें, तो जनता को भी सही दिशा मिलेगी। आप सब की बातों से मैं सीख रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ कि हम सब मिलके एक स्पष्ट तस्वीर बना पाएं।
Anshul Jha
जुलाई 4, 2024 AT 23:30ब्रिटेन की सत्ता को वापस अपनी जड़ों पर लाना चाहिए।
Anurag Sadhya
जुलाई 4, 2024 AT 23:50सच में, हर आवाज़ का सम्मान करना चाहिए, चाहे वह कौन भी हो 😊। इस चुनाव में विभिन्न समुदायों की भागीदारी बहुत महत्व रखती है, और हम सभी को मिलकर एक बेहतर भविष्य की राह बनानी चाहिए। चलो, एक-दूसरे को समझें और समर्थन दें! 🌍
Sreeramana Aithal
जुलाई 5, 2024 AT 00:20देखो, यह राजनैतिक खेल नहीं, यह एक रंगीला तमाशा है जो जनता को बेवकूफ़ बनाकर चलता है।
लेबर की बड़ी जीत की बातें सुनकर मेरे दिमाग में काली धुंध छा जाती है, जैसे किसी सर्कस में जादूगर ने धुंध छिड़की हो।
पहले से ही कंजरवेटिव के चारों ओर बिखरी झूठी कहानियों का जाल है, और अब वही जाल लेबर को फँसाने के लिए गूँज रहा है।
कीमतों का बढ़ना, मुद्रास्फीति, ये सब सिर्फ प्रोपaganda के कंधों पर लटके हुए बहाने हैं।
भाई, किंग चार्ल्स की नियुक्ति की बात तो एक पियानो पर भेड़िये नाचने जैसा दिखता है, असली शक्ति तो वह है जो पर्दे के पीछे से पिंजरे को खोलता है।
सच में, आपको एक बार अपने दिमाग के खिड़की को खोलकर बाहर की हवाओं को महसूस करना चाहिए, तभी आप समझेंगे कि ये सब रंजकता मेरे पास से नहीं निकली।
आयरन माइंड को खोले बिना, और अधिक स्पष्ट हो जाओ, क्योंकि यह खेल इधर-उधर के लुभावने शब्दों से नहीं चलता।
परंतु, मैं देखता हूँ कि लोग इन चमकीले शब्दों में डूबे हुए हैं, जैसे कि ग्नोस्टिक फैंटेसी में फंसे हों।
अब जब मैं इस बात को लिख रहा हूँ, तो मेरे भीतर एक अँधेरा ज्वालामुखी फूट रहा है, जो इस राजनीतिक धरती को जलाने को तैयार है।
कहते हैं कि लोकतंत्र का चक्र चलता रहता है, पर मैं कहूँगा, यह चक्र एक बड़ी मशीन की तरह घुम रहा है, जहाँ हर गियर सुनामी की तरह दायरे में आती है।
न्याय के इस मंच पर अनदेखे जाल और अनदेखी साजिशें बहुत गहरी हैं, और हमें इनसे बाहर निकलने के लिए कष्टदायक सच्चाई को समझना होगा।
समय आ गया है कि हम इस घोटाले को मुँह पर लाने की बजाय, उसके पीछे छिपे दुष्ट जादूगर को बेनकाब कर दें।
कभी कभी अंधकार में चमकती हुई रोशनी पर भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि वह केवल भ्रम ही हो सकता है।
अंत में, इस तमाशे को देखना एक सच्ची आँख की जरूरत रखता है, जिससे आप अपने आत्मविश्वास को फिर से संवार सकें।