दिल्ली एनसीआर में जीआरएपी स्टेज 3 का कार्यान्वयन

दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने 15 नवंबर, 2024 की सुबह 8 बजे से जीआरएपी स्टेज 3 को प्रभावी कर दिया है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार लाना और स्वास्थ्य जोख़िमों को कम करना है। इस योजना के तहत कई कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनका उद्देश्य प्रदूषण के स्तरों को नियंत्रित करना है।

निर्माण और वाहन संचालन पर प्रतिबंध

जीआरएपी स्टेज 3 के तहत, सभी गैर-आवश्यक निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली और आस-पास के जिलों जैसे गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, और गौतम बुद्ध नगर में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल चार-पहिया वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे केवल आवश्यक कार्यों की अनुमति दी गई है, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं, इन आवश्यक परियोजनाओं को सख्त पर्यावरणीय नियंत्रणों के तहत जारी रखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त, ऐसे भारी वाहन और इंटर-स्टेट बसें जो पर्यावरणीय मानकों पर खरे नहीं उतरती हैं, उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।

शिक्षा और सार्वजनिक परिवहन में बदलाव

शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी किए हैं कि कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए शारीरिक कक्षाएं निलंबित कर दी जाएं और उन्हें ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाया जाए। इसका उद्देश्य छात्रों को खतरनाक वायु प्रदूषण से बचाना है। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने सप्ताह के दिनों में 20 अतिरिक्त यात्रा जोड़ी हैं। यह कदम इस उद्देश्य से उठाया गया है कि निजी वाहनों के प्रयोग में कमी आए और प्रदूषण में कमी हो।

अन्य पहल और निवासियों के लिए सुझाव

इसके अलावा, प्रमुख यातायात क्षेत्रों में यांत्रिक सड़क स्वीपिंग, धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव तथा सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए भिन्नात्मक मूल्य निर्धारण जैसी अतिरिक्त उपाय लागू किए जा रहे हैं। निवासियों को सुझाव दिए गए हैं कि वे प्रदूषण कम करने के लिए पैदल चलना, साइकिल चलाना या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। आवश्यकता हो तो घर से काम करें और इनडोर कोयले या लकड़ी की हीटिंग से बचें। जीआरएपी-3 के प्रतिबंधों की अवहेलना पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

वायु गुणवत्ता सूचकांक और मानसून का प्रभाव

दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार 'गंभीर' श्रेणी में रहने के कारण सीएक्यूएम ने इन कड़े उपायों के क्रियान्वयन का निर्णय लिया। हाल के दिनों में एक 24 घंटे का औसत एक्यूआई मापन 424 के रूप में सामने आया है, जो कि 'गंभीर' श्रेणी में आता है। यह स्थिति इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीर बना सकती है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्या से जूझ रहे हैं।

जीआरएपी के विभिन्न चरण

दिल्ली एनसीआर के लिए जीआरएपी चार चरणों में विभाजित है जो एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के स्तरों पर आधारित होते हैं। स्टेज 1 'खराब' एक्यूआई के लिए (201-300), स्टेज 2 'बहुत खराब' एक्यूआई के लिए (301-400), स्टेज 3 'गंभीर' एक्यूआई के लिए (401-450), और स्टेज 4 'सुपर गंभीर' एक्यूआई के लिए (450 से अधिक) निर्दिष्ट है।

इस अनुशासनात्मक मार्गदर्शिका के माध्यम से, दिल्ली एनसीआर के लोग इस स्थिति से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए अधिक सजग और सचेत रह सकते हैं। प्रदूषण के खतरनाक स्तर को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं, जिनके माध्यम से हम प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर को कम करने में सक्षम हो सकते हैं।