ड्रग खतरें — पहचानें और तुरंत क्या करें
ड्रग से जुड़ा खतरा अचानक दिख सकता है। कभी-कभी यह छोटा संकेत लगता है, पर समय पर सही कदम न उठाने पर परिणाम गंभीर होते हैं। अगर आप किसी के व्यवहार में बदलाव, अचानक थकान, उल्टी, सांस की तकलीफ या बेहोशी देखें तो इसे नजरअंदाज मत कीजिए।
यहाँ आसान और उपयोगी पहचान के तरीके हैं जो तुरंत काम आ सकते हैं। शरीर पर असामान्य निशान, पिन-प्वाइंट पुतली, बार-बार तालाबंदी और दोस्तों के बदलने जैसे संकेत अक्सर दिखते हैं। नोट करें कि हर संकेत अकेले अहम नहीं होता; कई संकेत एक साथ मिलें तो सावधान रहें।
तुरन्त क्या करें (आपात स्थिति)
अगर किसी को साँस लेने में दिक्कत, बेहोशी या अनहोनी सी अवस्था हो तो सबसे पहले 100/102/108 जैसे स्थानीय इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें। व्यक्ति को सुरक्षित स्थिति में रखें — अगर उल्टी हो रही है तो सिर को साइड में घुमाकर रखें ताकि सांस की नली साफ रहे।
ओपिओइड ओवरडोज़ के शक में नालॉक्सोन (Naloxone) मददगार होता है; अगर आपके पास है तो प्रशिक्षित तरीके से दें और तुरंत मेडिकल सहायता बुलाएँ। कार्डिएक या रेस्पिरेटरी अरेस्ट में CPR करना आना चाहिए — नहीं आता तो कॉल पर डिस्पैचर की मदद लें और निर्देश मानें।
ड्रग की बोतल, पैकेट या दवा के पैकेज को सुरक्षित रखें और अस्पताल को इसकी जानकारी दें। मेडिकल टीम को सही जानकारी मिलने पर उपचार बेहतर होता है।
रोकथाम और मदद कैसे लें
रोकथाम की शुरुआत बातचीत से होती है। बिना आरोप लगाए, प्यार भरे अंदाज़ में चिंता जाहिर करें—"मैंने देखा कि तुम बदल रहे हो, क्या मैं मदद कर सकता/सकती हूँ?" जवाब मिलने पर छोटे कदम लें: डॉक्टर से सलाह, काउंसलिंग या लोकल रिहैब सेंटर की जानकारी दें।
घर पर दवाइयां और शल्य निष्कर्षण सुरक्षित जगह पर रखें। अनचाही दवाओं का सही तरह निपटान कराएं—किसी भी तरह की दवा माहौल में खुले में न छोड़ें। बच्चों और किशोरों के साथ खुली बात करें, न सिर्फ डराने-डराने के लिए, बल्कि जोखिम और परिणाम साफ बताकर।
समूह समर्थन असरदार होता है—नारकोटिक्स एनोनिमस, लोकल आयुर्वेद/मानसिक स्वास्थ्य क्लिनिक और सरकारी हेल्पलाइन जैसी सेवाएँ मदद कर सकती हैं। प्रोफेशनल मदद लेने में हिचकिचाएँ मत।
अगर आप चिंता में हैं कि कोई दवा के कारण व्यवहार में बदलाव कर रहा है, तो डॉक्टर से मेडिकल जाँच कराएँ—कभी-कभी शारीरिक या मानसिक समस्या नशे जैसे लक्षण दे सकती है और सही जांच जरूरी है।
समाजिक और पारिवारिक तालमेल बनाए रखें। सख्त फटकार से बेहतर है समझना और साथ देना। छोटे-छोटे व्यवहारिक बदलाव — नियमित समय पर खाना, नींद का ध्यान, व्यायाम और पेशेवर थेरेपी—बहुत फर्क ला सकते हैं।
अगर आप तुरंत सलाह चाहते हैं, तो स्थानीय इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें या निकटतम सरकारी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। न्यूज पोर्टल "समाचार कोना" पर भी संबंधित ताज़ा रिपोर्ट और हेल्पलाइन्स की सूची समय-समय पर उपलब्ध हो सकती है।
ड्रग खतरे को कम करना कठिन है, पर सही जानकारी और समय पर कदम से आप किसी की जान बचा सकते हैं। सावधान रहें, बोलें और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लें।