मोंथा चक्रवात का असर बिहार में, 17 जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी
चक्रवात मोंथा के प्रभाव से बिहार के 17 जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी, गोपालगंज, आरा और भागलपुर सहित कई जिलों में बाढ़ का खतरा।
जब पंजाब में ठंड से कोई अज्ञात व्यक्ति की मौत हो जाए या हिमाचल में ऑरेंज अलर्ट जारी हो जाए, तो आपके पीछे वो लोग होते हैं जो हर घंटे बादलों, हवाओं और तापमान को देख रहे होते हैं — भारतीय मौसम विभाग, भारत सरकार का आधिकारिक मौसम विज्ञान एजेंसी जो देश भर में मौसम की भविष्यवाणी और आपातकालीन चेतावनियाँ जारी करती है। ये लोग बस टीवी पर बारिश का अनुमान नहीं लगाते, बल्कि जिन लोगों की जान बचाने के लिए ये अलर्ट जारी किए जाते हैं।
ये विभाग केवल बारिश या धुंध के बारे में नहीं बताता, बल्कि ये बताता है कि येलो अलर्ट, जब मौसम खतरनाक हो सकता है, लेकिन अभी तक आपातकाल नहीं है का मतलब क्या है, या ऑरेंज अलर्ट, जब भारी बारिश, ओलावृष्टि या तेज हवाओं से जान और संपत्ति का खतरा सीधा है क्यों जारी किया गया। उत्तर बंगाल में 18 लोगों की मौत के बाद जब ममता बनर्जी वहां पहुंचीं, तो लोगों ने सवाल किया — भारतीय मौसम विभाग ने ये बारिश का पूर्वानुमान क्यों नहीं लगाया? जवाब ये है कि वो लगाते हैं, लेकिन उसकी जानकारी क्या गांव के आखिरी घर तक पहुंची? ये विभाग अलर्ट जारी करता है, लेकिन उसकी व्यवहारिक असर तब होता है जब स्थानीय प्रशासन, पुलिस और सामाजिक संगठन उसे जीवन में उतारते हैं।
क्या आपने कभी सोचा कि जब हिमाचल में चंबा और कांगड़ा में ओले बरस रहे हों, तो भारतीय मौसम विभाग के सुपरकंप्यूटर कितने डेटा पॉइंट्स एक साथ एनालाइज़ कर रहे होंगे? ये न सिर्फ बारिश की मात्रा देखते हैं, बल्कि हवा की दिशा, नमी का स्तर, पहाड़ों के आकार और यहां तक कि उस क्षेत्र में पिछले 30 सालों के डेटा को भी तुलना करते हैं। इसीलिए जब वो बताते हैं कि अगले चार दिन पंजाब में घनी धुंध रहेगी, तो ये एक अनुमान नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक निष्कर्ष है। लेकिन जब ये अलर्ट जारी होता है, तो आम आदमी क्या करता है? क्या वो अपनी कार चलाने से पहले इंतजार करता है? क्या बेघर लोगों के लिए आश्रय तैयार किए जाते हैं? ये सवाल भारतीय मौसम विभाग के बाहर भी हैं।
यहां आपको वो खबरें मिलेंगी जहां भारतीय मौसम विभाग का अलर्ट जीवन बचा रहा है — या फिर उसकी नजर बिल्कुल भूल गई। आप देखेंगे कि कैसे बिजनौर के एक हादसे में भी धुंध का योगदान था, या कैसे उत्तर बंगाल के डुड़िया पुल के ढहने के पीछे मौसम विभाग के अलर्ट का अनदेखा किया गया। ये खबरें सिर्फ मौसम के बारे में नहीं, बल्कि उसके बाद के इंसानी फैसलों के बारे में हैं। जब आप अगली बार अलर्ट पढ़ेंगे, तो आप जानेंगे कि ये केवल एक अलर्ट नहीं, बल्कि एक अपील है — अपनी जान बचाने की।
चक्रवात मोंथा के प्रभाव से बिहार के 17 जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी, गोपालगंज, आरा और भागलपुर सहित कई जिलों में बाढ़ का खतरा।