भारत‑मैलेशिया संबंध: क्यों है यह जुड़ाव खास?
क्या आप जानते हैं कि भारत और मैलेशिया के रिश्ते सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं, बल्कि इतिहास, संस्कृति और सुरक्षा में गहराई से जुड़े हैं? आज हम इस बंधन की जड़ों, वर्तमान सहयोगों और आगे के रास्तों को सरल शब्दों में समझेंगे।
इतिहासिक जुड़ाव और राजनयिक रिश्ते
दोनों देशों का संबंध प्राचीन व्यापार मार्गों से शुरू होता है, जहाँ भारतीय मसालों और कपड़ों की मांग मैलेशिया के बंदरगाहों पर थी। स्वतंत्रता के बाद 1957 में मैलेशिया ने अपना पहला राजदूत भारत भेजा और तब से लगातार द्विपक्षीय संवाद जारी हैं। 1991 के आर्थिक उदारीकरण के बाद दोनों देशों ने व्यापार‑वित्तीय समझौते बढ़ाए, जिससे आज सालाना लगभग $12 बिलियन का व्यापार हो रहा है।
आर्थिक सहयोग: किन क्षेत्रों में तेज़ी?
आज भारत‑मैलेशिया का व्यापार मुख्यतः इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, पेट्रोलियम और कृषि उत्पादों पर आधारित है। भारतीय IT कंपनियों ने कच्चे माल की सप्लाई चेन को मैलेशिया के साथ जोड़कर लागत घटाने में मदद की है। इसके अलावा दोनों देशों ने ‘समुंद्री सुरक्षा’ पहल पर सहयोग किया, जिससे समुद्री व्यापार मार्ग सुरक्षित रह सके।
रक्षा‑सुरक्षा क्षेत्र में 2022 में दो तरफा रक्षा समझौता हुआ, जिसमें नौसेना के अभ्यास और एंटी‑टेररिज़्म प्रशिक्षण शामिल है। यह कदम दोनों देशों को इंडो‑पैसिफिक में अपनी रणनीतिक स्थिति मजबूत करने का मौका देता है।
पर्यटन भी एक बड़ा पुल है—जिन लोगों ने भारत से मैलेशिया की यात्रा की, उन्होंने अक्सर भारतीय भोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को पसंद किया, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिला। दोनों देशों के बीच सीधा हवाई मार्ग अब चार प्रमुख शहरों को जोड़ता है, जो यात्रियों का समय बचाता है।
भविष्य में ‘डिजिटल इकोनॉमी’ और ‘हरित ऊर्जा’ जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की योजना है। भारत ने मैलेशिया के साथ सौर पैनल निर्माण में तकनीकी साझेदारी करने का प्रस्ताव दिया है, जो दोनों देशों को नवीनीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगा।
संक्षेप में, भारत‑मैलेशिया संबंध एक बहु‑आयामी जुड़ाव है—इतिहासिक व्यापार से लेकर आज की रक्षा समझौते तक। अगर आप इन रिश्तों पर नजर रखेंगे तो देख पाएँगे कि दोनों देश न केवल आर्थिक लाभ ले रहे हैं बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और सांस्कृतिक समरसता में भी योगदान दे रहे हैं।