ईरान का सख्त संदेश और खाड़ी देशों की भूमिका
हाल ही में हुए प्रक्षेपास्त्र हमले के बाद ईरान द्वारा इज़राइल के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया गया है। ईरान ने अपने पड़ोसी अरब देशों को चेताया है कि वे इज़राइल को उनके हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति न दें। यह चेतावनी उनकी शत्रुता को रोकने के इरादे से दी गई है। पिछले सप्ताह हुए हमले में लगभग 200 मिसाइलें दागी गईं, जिससे इज़राइल को अपनी सैन्य ताकत को दिखाने का मौका मिला। हालांकि इज़राइल ने प्रभावी ढंग से अधिकांश मिसाइलों का प्रतिकार किया और केवल एक की जान गई, जो एक 38 वर्षीय फिलिस्तीनी था।
खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी), जिसमें कई अरब देश शामिल हैं, ने तनाव को कम करने की प्राथमिकता को ऊपर रखा है। इन देशों के पास अमेरिकी सैन्य अड्डे और तेल उत्पादन की अत्यधिक महत्वपूर्ण संस्थाएं हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, जिन्हें लेख में पेजेशकियन के रूप में संदर्भित किया गया है, और उनके विदेश मंत्री अब्बास अराग्ची ने क्षेत्रीय समर्थन प्राप्त करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं।

डिप्लोमेटिक संवाद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
ईरान के विदेश मंत्री अराग्ची ने कतर और सऊदी अरब की यात्रा की, जहां उन्होंने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। उन्होंने खाड़ी देशों से उम्मीद की है कि वे वाशिंगटन में अपने संपर्कों का उपयोग इज़राइल की आक्रामक कार्रवाई को रोकने के लिए करेंगे। इसके अलावा, राष्ट्रपति रईसी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अंतरराष्ट्रीय मंच पर मुलाकात की। इस मुलाकात से पहले, उन्होंने रूस के सरकारी चैनल पर इज़राइल से निर्दोष लोगों की हत्या रोकने का आह्वान किया, यह कहते हुए कि इस तरह की कार्रवाइयों को अमेरिकी और यूरोपीय संघ का समर्थन प्राप्त है।
रईसी ने प्रेस के जरिए इज़राइल से निर्दोष लोगों की हत्या बंद करने की अपील की और कहा कि इसके पीछे अमेरिका और यूरोपीय संघ का समर्थन है। इज़राइल ने कड़े शब्दों में कहा है कि ईरान को मिसाइल हमलों का परिणाम भुगतना होगा।
इज़राइल की प्रतिशोध की योजना
इज़राइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा है कि ईरान को मिले हमले का जवाब ‘घातक, सटीक और अप्रत्याशित’ होगा। अमेरिकी अधिकारियों ने जाहिर की चिंता, हो सकता है इज़राइल बिना सूचना के कार्रवाई कर सकता है। हालांकि, इज़राइल की योजना अभी खास रूप से सार्वजनिक नहीं की गई है, और राष्ट्रपति जो बाइडेन और इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आने वाले दिनों में निकट संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई है।
गाजा और लेबनान में रहने वाले लोगों पर इज़रायली हवाई हमलों का प्रभाव देखा जा रहा है। कम से कम 22 लोगों की मौत और 117 लोग घायल हुए हैं। इस तरह की घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है और सवाल खड़े किए हैं कि आखिर इस तनाव का प्रभाव लगभग क्या होगा।