लिडिया को का शानदार करियर
लिडिया को ने दुनिया भर के गोल्फ प्रेमियों का दिल जीत लिया जब उन्होंने 2024 ओलंपिक खेलों में महिलाओं की गोल्फ प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया। को की यह जीत उन्हें 27 साल की उम्र में एलपीजीए हॉल ऑफ फेम में शामिल कराती है। उनके करियर की यह नई उपलब्धि उनके अनुशासन, मेहनत और खेल के प्रति समर्पण को दर्शाती है।
ओलंपिक गोल्ड मेडल की शानदार जीत
2024 ओलंपिक खेलों में ले गोल्फ नेशनल में महिलाओं की गोल्फ प्रतियोगिता के अंतिम दिन, को ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों को पांच शॉट से आगे बढ़कर शुरुआत की। प्रतिस्पर्धा में उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एस्टर हेंसलाईट और चीन की जियू लिन थे। हालांकि, एस्टर ने लगातार बर्डी बनाकर को की नेतृत्व की स्थिति को एक शॉट से कम कर दिया, लेकिन को ने अपने अनुभव और कौशल का परिचय देते हुए 7 फुट का बर्डी पुट मारकर दो शॉट से जीत दर्ज की। उन्होंने 1-अंडर 71 का स्कोर बनाया।
एस्टर हेंसलाईट और जियू लिन का प्रदर्शन
गोल्फ प्रतियोगिता का अंतिम राउंड बहुत ही रोमांचक रहा। जर्मनी की एस्टर हेंसलाईट ने लगातार बर्डी बनाकर सिल्वर मेडल हासिल किया। उन्होंने 66 का स्कोर बनाया। वहीं, चीन की जियू लिन ने अंतिम होल पर बर्डी बनाकर 69 का स्कोर करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता।
करियर की उपलब्धियां और हॉल ऑफ फेम में स्थान
लिडिया को का करियर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने 15 साल की उम्र में अपना पहला एलपीजीए खिताब जीता था और 17 साल की उम्र में विश्व नंबर 1 रैंकिंग हासिल की थी। उनके करियर में 27 अंकों के साथ वह हॉल ऑफ फेम के लिए योग्य हो गई हैं। को को अपने दो मेजर्स के लिए दो-दो अंक मिले, अन्य 18 एलपीजीए जीतों के लिए एक-एक अंक, दो बार एलपीजीए प्लेयर ऑफ़ द ईयर और वेअर ट्रॉफी के लिए एक-एक अंक, और ओलंपिक गोल्ड के लिए एक बड़ा अंक।
कठिनाइयों से भरा अंतिम राउंड
अंतिम राउंड में कई नाटकीय क्षण देखने को मिले। नेली कोर्डा, रोज झांग और मोर्गेन मेट्रॉक्स जैसी खिलाड़ियों ने डबल बोगीज का सामना किया, जिससे को की जीत का रास्ता साफ हो गया। जब को ने आखिरकार विजयी पुट लगाया, तो उन्होंने अपने मुँह पर हाथ रखा और आंसूओं में डूब गईं।
भावुक लम्हे और प्रेरणा
को की जीत के बाद उनके भावुक लम्हे ने सभी को छू लिया। यह जीत केवल उनका व्यक्तिगत कीर्तिमान नहीं है, बल्कि हर युवा गोल्फर के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने अपने करियर में जिस तरह से चुनौतियों का सामना किया और लगातार अपने खेल में सुधार किया, वह सराहनीय है।