कोलकाता के अक्रॉपोलिस मॉल में भयंकर आग, समय पर उठाए गए कदम
शुक्रवार सुबह कोलकाता के लोकप्रिय अक्रॉपोलिस मॉल की मीजानीन लेवल पर स्थित क्रॉसवर्ड बुकस्टोर में अचानक आग लग गई। इस घटना से मॉल और उसके आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। आग लगने का कारण विद्युत शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, जो ज्वलनशील वस्तुओं के साथ मिलकर और भीषण हो गई। हालांकि, खुशकिस्मती से इस घटना में कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ।
आग का पता चलते ही मॉल अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की और सभी कर्मचारियों और ग्राहकों को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी। सबमर्सिबल का उपयोग करते हुए, आग और धुएं से प्रभावित क्षेत्र को जल्दी से खाली करा लिया गया। मॉल और आस-पास के ऑफिस टॉवर को महज 20 मिनट में खाली करा लिया गया।
आग बुझाने वाली टीम की तुरंत जवाबी कार्रवाई
मॉल के कर्मचारियों ने पहले खुद आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन जल्द ही महसूस किया कि पेशेवर मदद की आवश्यकता है। उन्होंने तुरंत फायर ब्रिगेड को बुलाया। कुल 15 फायर टेंडर्स और 150 फायरमैन, साथ ही 100 सिविल डिफेंस और डिजास्टर मैनेजमेंट कर्मियों ने इस घटना में भाग लिया। आग बुझाने के लिए दमकलकर्मियों ने दो हाइड्रोलिक लिफ्ट्स का उपयोग किया और कांच की बाहरी परत को तोड़कर धुआं निकालने के लिए एक्सट्रैक्टर्स का प्रयोग किया।
अपराधियों की तलाश और सुरक्षा उपायों की समीक्षा
राज्य के अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस खुद मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने उस तात्कालिकता की सराहना की जिसके साथ मॉल अधिकारियों ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। उन्होंने यह भी वादा किया कि आग बुझाने के सिस्टम में अगर कोई लापरवाही पाई जाती है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
मॉल प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी फायर-फाइटिंग और प्रिवेंशन सिस्टम काफी मजबूत हैं और वे नियमित रूप से फायर ड्रिल्स आयोजित करते हैं।
इस घटना के दौरान, मॉल और कार्यालय भवनों से कुल 5,900 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। आग पर दोपहर 2 बजे तक पूरी तरह काबू पा लिया गया था, हालांकि बुकस्टोर पूरी तरह से जल गया था।
लगातार बढ़ती आग की घटनाएं
इस घटना के महज तीन दिन पहले ही पार्क स्ट्रीट-कामक स्ट्रीट चौराहे के पास एक रुफटॉप रेस्टोरेंट में भी आग लगी थी। कार्यालय और मनोरंजन के हब समझे जाने वाले इस इलाके में लगातार आग की घटनाएं हमें ये सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या सुरक्षा मानकों में कहीं कमी है।
इन घटनाओं से यह स्पष्ट हो जाता है कि नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तुरंत और ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
सुरक्षा उपाय और भविष्य की तैयारी
आग की घटनाओं से निपटने के लिए मॉल और अन्य सार्वजनिक स्थानों को अपनी सुरक्षा प्रणाली और उपकरण अधिक सक्षम बनाने होंगे। नियमित फायर ड्रिल्स, आधुनिक आग बुझाने वाले उपकरणों का उपयोग, और कर्मियों को प्रशिक्षित करने की प्रक्रियाएं लगातार चलती रहनी चाहिए।
साथ ही, इस प्रकार की घटनाओं के बाद नागरिकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की भी आवश्यकता है ताकि वे ऐसी स्थितियों में सन्मुख होने पर सही कदम उठा सकें।
अक्रॉपोलिस मॉल में आग लगने की घटना इसके साथ-साथ यह भी प्रमाणित करती है कि समुचित सुरक्षा प्रणाली और तात्कालिक प्रतिक्रिया से बड़ी दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
Vakil Taufique Qureshi
जून 15, 2024 AT 20:28मॉल की सुरक्षा व्यवस्था की तुलना में स्थानीय प्रशासन की तैयारी अक्सर गिरावट दिखाती है।
Jaykumar Prajapati
जून 15, 2024 AT 21:26सुडो फायर अलार्म को हाथ में लेकर खुद को हीरो मानते हैं, जैसे कि सियाने बंदरगाह में बिटबॉय ने सबको कोडेड लाइट्स से बचाया हो।
वास्तव में, बहुत से सप्लाई चेन्स में रेत डालने वाले लोग फर्नेस में सर्किट जोड़ते हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट बनता है।
पर ये ही नहीं, फायर ब्रिगेड के मेंबर्स भी अक्सर अपने निजी लाभ के लिए इन घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं।
किसी को पता नहीं कि इस मॉल में कितने कूलर कूलर डीलर ने बस एक्सप्लोज़र को दफ़ा किया।
आख़िरकार, यहाँ का सुरक्षा मानक सिर्फ कागज़ पर ही रहता है।
PANKAJ KUMAR
जून 15, 2024 AT 22:25भाई लोग, इस तरह की तेज़ प्रतिक्रिया देख कर भरोसा रहता है कि हमारे शहर में सार्वजनिक जगहों की देखभाल सच में गंभीरता से ली जा रही है।
फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्यवाही ने जीवन बचाए हैं, यही सबसे बड़ी बात है।
Anshul Jha
जून 15, 2024 AT 23:23देश की इंस्ट्रक्शन के मुताबिक़ स्क्रीन पर फायर अलर्ट नहीं मिटना चाहिए भले ही कस्टमर रो रहे हों
Anurag Sadhya
जून 16, 2024 AT 00:21बहुत राहत है कि कोई घायल नहीं हुआ 🙏
ऐसे में हम सबको अपने आसपास के सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक होना चाहिए और नियमित ड्रिल में भाग लेना चाहिए 😊
Sreeramana Aithal
जून 16, 2024 AT 01:20अगर ये सब फायर ड्रिल्स सिर्फ शो के लिए होते, तो भी मॉल की इज्जत घटती।
पर असली मसल बात यह है कि प्रबंधन को अब वाकई में अपने फायर-ट्रिगर सिस्टम की रीफ़्रेशिंग करनी चाहिए, नहीं तो अगली बार धूम्रपात नहीं, धुआं ही नहीं, सारा मॉल जल सकता है।
Anshul Singhal
जून 16, 2024 AT 02:18अक्रॉपोलिस मॉल का केस हमें फिर से याद दिलाता है कि शहरी संरचनाओं में सुरक्षा की बुनियादी ढाँचें कितनी नाज़ुक हो सकती हैं।
पहले, विद्युत प्रणाली की नियमित जाँच और सर्किट ब्रेकर की योग्य कनेक्शन अनिवार्य है, क्योंकि छोटे-छोटे शॉर्ट सर्किट भी बड़े बला बन सकते हैं।
दूसरा, स्टोर के अंदर रखी जाने वाली सजावट और साहित्यिक वस्तुएँ ज्वलनशील हो सकती हैं, इसलिए उन्हें रेसिस्टेंट सामग्री से बनाना चाहिए।
तीसरा, फायर एमरजेंसी प्लान सिर्फ कागज़ पर नहीं, बल्कि वास्तविक अभ्यास के माध्यम से आत्मसात होना चाहिए।
चौथा, मॉल के सभी कर्मचारियों को फायर एथलेटिक ड्रेस पहनाने की नीति अपनानी चाहिए जिससे उनकी पहचान आसान हो।
पाँचवा, आपातकालीन एग्जिट को हमेशा खुला और स्पष्ट संकेत के साथ रखना चाहिए, ताकि घबराते हुए लोग जल्दी से बाहर निकले।
छठा, फायर अलार्म सिस्टम को हाई-सेंसिटिव बनाकर पृष्ठभूमि शोर को फ़िल्टर करना चाहिए, ताकि वास्तविक ध्वनि पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।
सातवां बिंदु यह है कि स्थानीय फायर ब्रिगेड को मॉल के फ्लोर प्लान की पूरी जानकारी दी जानी चाहिए, जिससे वे जल्दी से प्रभावी कदम उठा सकें।
आठवां, फायर फाइटिंग उपकरणों का नियमित रखरखाव और समय-समय पर परीक्षण अनिवार्य है।
नौवां, मॉल प्रबंधन को स्थानीय प्रशासन के सुरक्षा मानकों के अनुसार ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार भी खड़ा होना चाहिए।
दसवाँ, आग लगने की स्थिति में जनता को शांत रखने के लिए साउंड सिस्टम और एन्हांस्ड एनीमेशन का उपयोग किया जा सकता है।
ग्यारहवाँ, इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा को केवल एक विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी माना जाना चाहिए।
बारहवाँ, सामाजिक मीडिया पर सही जानकारी फैलाने से भी घबरा कर लोग सही दिशा में कदम उठा सकते हैं।
तेरहवाँ, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर मॉल को वार्षिक सुरक्षा ऑडिट पास करना अनिवार्य होना चाहिए।
चौदहवाँ, नागरिकों को स्वयं भी बेसिक फर्स्ट एड और फायर एक्सटिंग्विशर उपयोग सीखना चाहिए।
अंत में, जब तक सभी पक्ष मिलकर सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देंगे, तभी तक ऐसी बड़ी घटनाएँ हमारे शहर के अलावा और कहीं नहीं, बल्कि बार-बार दोहराई जा सकती हैं।
DEBAJIT ADHIKARY
जून 16, 2024 AT 03:16अधिकारियों ने समय पर उचित उपाय करने हेतु सराहनीय कदम उठाए हैं, परन्तु भविष्य में निवारक उपायों की दिशा में अधिक सावधानी बरतनी आवश्यक है।
abhay sharma
जून 16, 2024 AT 04:15वाह, मॉल में फायर ड्रिल? रोज़ की बात है!
Abhishek Sachdeva
जून 16, 2024 AT 05:13यहां की व्यवस्था तो पूरी तरह से गड़बड़ है, लेकिन फिर भी कुछ लोग इसे सराहते हैं, यह किस प्रकार की द्वैतता है? तथ्य यह है कि फायर ब्रिगेड को पर्याप्त संसाधन नहीं मिले तो पूरी कार्बन डाइट भी फेल हो जाएगी।
Janki Mistry
जून 16, 2024 AT 06:11सही कहा, सुरक्षा केवल शब्द नहीं, कार्रवाई में दिखनी चाहिए।
Akshay Vats
जून 16, 2024 AT 07:10सुरक्षा सिसटे्म में कछु भी दिक्कत न आये जैसे की अतीत मे हुआ था तब सबको संकट ना हो।
Anusree Nair
जून 16, 2024 AT 08:08समुदाय में सहयोग और जागरूकता से ही हम ऐसी स्थितियों को संभाल सकते हैं, सभी को सुरक्षा नियमों का पालन करने की प्रेरणा दें।
Bhavna Joshi
जून 16, 2024 AT 09:06आपके विस्तृत बिंदु बहुत मददगार हैं, विशेष रूप से फायर एम्ब्रेस प्लान के महत्व पर आपका जोर हमें आगे बढ़ाने में सहायक होगा।
Ashwini Belliganoor
जून 16, 2024 AT 10:05इस लेख का स्वर काफी आधिकारिक है, लेकिन व्यावहारिक सुझावों की कमी महसूस होती है।
Hari Kiran
जून 16, 2024 AT 11:03आप सभी की विचारधाराओं को पढ़ कर अच्छा लगा, मिलकर काम करने से ही हम बेहतर सुरक्षा बनाकर रख सकते हैं।
Hemant R. Joshi
जून 16, 2024 AT 12:01मॉल की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई पहलें अपनाई जानी चाहिए।
पहले, प्रत्येक फ़्लोर पर स्वचालित स्प्रिंकलर सिस्टम स्थापित किया जाना चाहिए जिससे आग पकड़े ही जलती जगह पर जलापूर्ति हो सके।
दूसरे, एग्जिट साइन को फोटोमेट्रिक लाइटिंग के साथ सुसज्जित किया जाए ताकि धुंध में भी स्पष्ट संकेत मिल सके।
तीसरे, कर्मचारियों के लिये वार्षिक फायर सेफ्टी कार्यशालाओं का कार्यक्रम लागू किया जाए, जिसमें एम्बुलेंस और एंटी-फायर डिफ्यूज़र का उपयोग सिखाया जाए।
चौथे, मॉल के प्रबंधन को स्थानीय फायर विभाग के साथ त्रैमासिक ड्रिल आयोजित करनी चाहिए, जिससे सहयोगी योजना बन सके।
पाँचवां, सुरक्षा कैमरों का नेटवर्क विस्तृत किया जाए और रीयल‑टाइम मॉनिटरिंग हब स्थापित किया जाए ताकि किसी भी असामान्य तापमान की तुरंत पहचान हो सके।
छठा, सार्वजनिक घोषणा प्रणाली को तेज़ और स्पष्ट किया जाए, ताकि आपातकाल में सभी को तुरंत जानकारी मिल सके।
सातवां, फायर अलार्म की आवाज़ को विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न टोन में सेट किया जाये, जिससे लोग जल्दी से पहचान सकें कि कौन से सेक्टर में समस्या है।
आख़िर में, इन सभी उपायों को लागू करने से न केवल जीवित रहने की संभावना बढ़ेगी, बल्कि मॉल की प्रतिष्ठा भी मजबूत होगी।
guneet kaur
जून 16, 2024 AT 13:00मैं कहूँ तो यह सब सिर्फ कागज़ी कार्यवाही है, असली बात तो है कि मॉल की विद्युत ग्रिड पहले से ही पुरानी है और इसे तुरंत बदलना चाहिए, नहीं तो अगली बार पूरा शहर धुआँ देखेगा।
PRITAM DEB
जून 16, 2024 AT 13:58हम सब मिलकर ऐसे सुरक्षा मानकों को स्थापित कर सकते हैं, जिससे न केवल हमारे मॉल बल्कि पूरे शहर की सुरक्षा का स्तर ऊँचा हो जाएगा।
Saurabh Sharma
जून 16, 2024 AT 14:56आइए हम सब मिलकर नियमित ट्रेनिंग और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से एक सुरक्षित शॉपिंग एनवायरनमेंट बनाते हैं।