जो बाइडन ने स्वास्थ्य चिंताओं के कारण पुनर्निर्वाचन अभियान समाप्त किया
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पुनर्निर्वाचन अभियान को समाप्त करने का बड़ा निर्णय लिया है। यह निर्णय उनके स्वास्थ्य और मानसिक क्षमता को लेकर उठ रही चिंताओं के बाद आया है। 81 वर्षीय बाइडन की हालिया COVID-19 संक्रमण और जून 27 की बहस में खराब प्रदर्शन ने उनके समर्थकों और डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों के बीच संदेह उत्पन्न किया।
कमला हैरिस बनीं डेमोक्रेटिक उम्मीदवार
बाइडन ने अपने पुनर्निर्वाचन अभियान से हटने के बाद कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार के रूप में नामित किया है। उपराष्ट्रपति हैरिस अब आगामी चुनावों में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी का चेहरा होंगी।
स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं
जो बाइडन की स्वास्थ्य स्थितियों को लेकर उथल-पुथल बढ़ रही थी जब वह हाल में COVID-19 से संक्रमित हुए थे और इसे लेकर उनका इलाज चल रहा था। बाइडन ने PAXLOVID की आठ खुराकें पूरी की हैं और उनके लक्षणों में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है। फिर भी, उनकी बुजुर्गावस्था और स्वास्थ्य स्थितियों को लेकर चिंताएं उठ रही थीं।
इसके अतिरिक्त, बाइडन के मानसिक स्वास्थ्य और क्षमता को लेकर भी चर्चा हो रही थी। विशेषकर, जून 27 की बहस में उनके प्रदर्शन ने उनके समर्थकों को चिंतित कर दिया। बहस में उनकी कमजोर बातों और हाल की घटनाओं ने पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि शायद बाइडन अब इस दौड़ में मजबूत उम्मीदवार नहीं रह गए हैं।
डॉक्टरों की रिपोर्ट और मानसिक स्वास्थ्य
बाइडन के मानसिक स्वास्थ्य पर भी सवाल उठाए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, बाइडन कई बार डॉ. केविन कैनार्ड से मिल चुके हैं, जो पार्किंसन्स रोग के विशेषज्ञ हैं। हालांकि, प्रेस सचिव करीना जीन-पियर ने स्पष्ट किया है कि बाइडन पार्किंसन्स रोग का इलाज नहीं ले रहे हैं।
आगे का मार्गदर्शन
बाइडन ने अपने निर्णय के बारे में अधिक जानकारी देने का आश्वासन दिया है। उनका यह निर्णय निश्चित रूप से अमेरिकी राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन लेकर आएगा और आगामी चुनावों में इसका प्रभाव देखने योग्य होगा। बाइडन का यह कदम डेमोक्रेटिक पार्टी की दिशा को भी आकार देगा, खासकर जब कमला हैरिस राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए उभरती दिख रही हैं।
महामारी के दौरान बाइडन की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार देखा गया है, परंतु उनकी उम्र और अधूरे स्वास्थ्य के चलते उनकी क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगते रहे हैं। अब, देखना होगा कि कमला हैरिस कैसे पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरती हैं और आगामी राष्ट्रपति चुनावों में दौड़ जीतने के लिए क्या कदम उठाती हैं। राजनीतिक दृष्टि से यह निर्णय अत्यंत महत्वपूरण है और इसके परिणामों पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।