बेरूत पर कहर की रात

October 6, 2024 की रात शायद ही भूलने वाली रातों में शामिल हो जाएगी जब इजराईली हवाई ताकतों ने बेरूत के दक्षिणी उपनगरों को निशाना बनाया। यह हमला पिछले महीने के दौरान हिजबुल्ला के खिलाफ चलाए जा रहे इजराइली अभियान का अब तक का सबसे बड़ा और सबसे विध्वंसक हमला माना जा रहा है। पूरी रात बेरूत में बम धमाकों की आवाजें गूंजती रहीं, और आसमान में लाल और सफेद रंगों की चमक देखी गई।

स्थानीय निवासियों ने बताया की यह हमले इतने जबरदस्त थे कि उनके घर हिलने लगे और कुछ लोग इसे भूकंप समझ बैठे। हिजबुल्ला के मजबूत गढ़ माने जाने वाले इलाके दाहीया में हिजबुल्ला का नेता सैयद हसन नसरल्लाह की मौत पहले ही हो चुकी है। इन हमलों के चलते सामान्य जनता में डर और असुरक्षा का गहन माहौल बन गया है।

इजराइली इरादे और कारण

इजराइल ने इन हमलों का उद्देश्य हिजबुल्ला के हथियार भंडार स्थलों और आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर को नष्ट करना बताया है। इजराइल के अनुसार, यह कदम उत्तर इजराइल में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा और उन्हें पहले हुई हिजबुल्ला हमलों से सुरक्षित रखने के लिए लिया गया है। इसके पहले, इजराइल ने हमास के खिलाफ गाज़ा में एक व्यापक युद्ध छेड़ा था, जो अब तक हजारों जानें ले चुका है।

इन हमलों के चलते लेबनानी शहरों और ग्रामीण इलाकों में अनेक लोग घबराए हुए हैं और इससे स्थानीय प्रशासन को भी एक कठिन स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। हिज्बुल्ला ने कहा है कि उन्होंने हमास के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए इजराइल पर रॉकेट लॉन्च किया।

कृपया राजनीतिक तनाव

कृपया राजनीतिक तनाव

इस बढ़ती तनाव से पूरे मध्य पूर्व में शांति के स्तर पर गंभीर सवाल उठ गए हैं। चाहे वह इजराइल की कार्रवाई हो, हिजबुल्ला का प्रतिकार हो, या ईरान का संभावित हस्तक्षेप, यह स्थिति बेहद संवेदनशील है। विद्वानों का मानना है कि अगर समय रहते समाधान नहीं मिला, तो यह क्षेत्रीय संघर्ष एक वैश्विक संकट में बदल सकता है।

ईरान ने हालांकि इजराइल के खिलाफ सीधे युद्ध लड़ने की इच्छा प्रकट नहीं की है, लेकिन ईरानी अधिकारियों ने इजरायल की तरफ से की गई किसी भी आक्रामकता का प्रतिक्रिया देने की कोशिश की है। मंगलवार को ईरान ने इस्राइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों का हमला किया था, हालांकि इससे बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

मानवता पर आघात

बेरूत में हुए इन हमलों ने न केवल भू-राजनीतिक समीकरणों को चुनौती दी है, बल्कि मानवीय स्तर पर भी आघात पहुंचाया है। लेबनान की जनता, जिनमें अधिकतर महिलाएं, बच्चे और बूढ़े शामिल हैं, एक अकल्पनीय त्रासदी का सामना कर रहे हैं। बेरूत से आ रही तस्वीरें दिखाती हैं कि कैसे एक सुचारु रूप से विकसित शहर अब खंडहर में तब्दील हो गया है।

लेबनानी सरकार ने हालांकि हमलों के तथ्यों के बारे में सार्वजनिक रूप से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है, परंतु निर्दोष नागरिकों और शरणार्थियों के जीवन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव साफ दिखाई दे रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस्राइल और लेबनान के बीच बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी चुनौतियों को बढ़ा दिया है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर शांति कायम रखने के लिए अनेक प्रयास हो रहे हैं, लेकिन उन सभी में अंतरराष्ट्रीय राजनेताओं की जिम्मेदारी और जवाबदेही का पहलू भी शामिल है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठन इस स्थिति की क्रमिक समीक्षा कर रहे हैं, और इसके दीर्घकालिक समाधान के सुझावों पर विचार कर रहे हैं।

स्थिति अत्यंत नाजुक है, और आम जनता के लिए यह समय राहत और सहयोग की आवश्यकता का है। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मानवीय सहायता और सुरक्षात्मक उपाय युद्ध क्षेत्र में पहुंचें, ताकि इस संकट से प्रभावित लोगों के जीवन में सुधार हो सके।