घटना का विवरण

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर की बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे पश्चिम बंगाल में हड़कंप मचा दिया है। यह घटना 9 अगस्त 2024 को उस समय घटी जब डॉक्टर 36 घंटे की लगातार ड्यूटी के बाद सेमिनार रूम में आराम करने गई थीं। उनकी लाश अगली सुबह उनके सहयोगियों द्वारा बुरी हालत में पाई गई।

जांच और पुलिस की आलोचना

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पुलिस की प्रारंभिक जांच को स्पष्ट रूप से आलोचना की और मामला कोलकाता पुलिस से हटाकर सीबीआई को सौंप दिया। उच्च न्यायालय ने पुलिस द्वारा मामले को अप्राकृतिक मौत के रूप में दर्ज करने और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का बयान रिकॉर्ड करने में देरी पर सवाल उठाए।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया और वादा

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मामले पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं और उन्होंने कहा है कि वह मामले की हर मिनट की जानकारी रख रही हैं। उन्होंने पीड़िता के माता-पिता से भी बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि दोषियों को फांसी की सज़ा दी जाएगी।

भीड़ का तांडव और प्रदर्शन

घटना के बाद पूरे पश्चिम बंगाल में भारी प्रदर्शन हुए। 'Reclaim the Night' मार्च के दौरान कोलकाता और देश के अन्य शहरों जैसे दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई और पुणे में हजारों महिलाएं विरोध में सड़क पर उतरीं। भीड़ ने 'हम न्याय चाहते हैं' के नारे लगाए और शंख बजाए। हालांकि ज्यादातर प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, आरजी कर अस्पताल में स्थिति तनावपूर्ण हो गई और वहां भीड़ ने तोड़फोड़ की।

राजनीतिक पार्टी की प्रतिक्रियाएं

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) इस मामले पर बंटी हुई नजर आ रही है। कुछ नेता, जैसे सांसद सुकेंदु शेखर रॉय और अनन्या चक्रवर्ती ने मार्च का समर्थन किया, जबकि विधायक उदयन गुहा और प्रवक्ता कुणाल घोष ने इसकी आलोचना की। विपक्षी दल भाजपा और सीपीएम ने तोड़फोड़ की घटनाओं की निंदा की और अलग-अलग विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की। भाजपा ने आरोप लगाया कि तोड़फोड़ के पीछे TMC के गुंडों का हाथ है, जबकि TMC नेता अभिषेक बनर्जी ने हिंसा की निंदा की और पुलिस को कार्रवाई करने की अपील की।

राज्य सरकार की चेतावनी

राज्य सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि बिना अनुमति के काम से अनुपस्थित रहना सेवा में 'ब्रेक' माना जाएगा। स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है और राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

अभियुक्त की गिरफ्तारी

अस्पताल के एक स्वयंसेवक को इस अपराध में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई मामले की तह तक जाने के लिए पूरी तरह से जुट गई है और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा।

महिला सुरक्षा पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर से महिला सुरक्षा और कार्यस्थलों पर सुरक्षित वातावरण की कमी के मुद्दे को उजागर किया है। लंबी कार्य अवधि और उचित आराम की सुविधा न होना भी इस घटना का एक कारण बताया जा रहा है। सभी संबंधित प्राधिकरणों से मांग की जा रही है कि वे कार्यस्थलों पर सुरक्षा से जुड़े कदम उठाएं और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें।

समाप्ति

इस पूरी घटना ने समाज को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है और यह सोचने पर मजबूर किया है कि आखिर कब तक महिलाएं इस प्रकार के अत्याचार का शिकार होती रहेंगी। जनता और सरकार को मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान ढूंढना होगा ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो।