हैदराबाद लोकसभा चुनाव परिणाम 2024: असदुद्दीन ओवैसी फिर से आगे
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद लोकसभा सीट पर एक बार फिर से बढ़त बनाए हुए हैं। इस बार वे 5.27 लाख से अधिक वोटों से आगे हैं, जबकि भाजपा की माधवी लता 2.78 लाख वोटों के साथ उनसे बहुत पीछे हैं। यह सीट AIMIM का गढ़ मानी जाती है और 1989 से अब तक इस सीट पर AIMIM ने नौ बार लगातार जीत हासिल की है।
ओवैसी की जीत का इतिहास
2019 के चुनावों में भी ओवैसी ने इस सीट पर बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्होंने 2.82 लाख वोटों के अंतर से विजय प्राप्त की और कुल वोटों का 64% हिस्सा हासिल किया। 2014 के चुनावों में भी उन्होंने 2.03 लाख वोटों की बढ़त के साथ जीत दर्ज की थी और कुल वोटों का 53% हिस्सा हासिल किया था।
ओवैसी की बढ़त इस बार भी उनकी लोकप्रियता और क्षेत्र में उनकी सुदृढ़ पकड़ को दर्शाती है। बीजेपी ने माधवी लता को मैदान में उतारकर यहाँ अपना नया समीकरण आजमाने का प्रयास किया, लेकिन अभी तक उसे कोई अच्छी सफलता नहीं मिली है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हैदराबाद जैसे क्षेत्र में, जहाँ मुस्लिम समुदाय की बड़ी उपस्थिति है, वहां बीजेपी के लिए सीट जीतना एक बड़ी चुनौती है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और समान नागरिक संहिता (UCC) जैसे मुद्दे भी मुस्लिम समुदाय पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं, जिससे ओवैसी को समर्थन मिलता नजर आ रहा है।
ओवैसी ने भले ही इंडिया गठबंधन (INDIA alliance) की आलोचना की हो, लेकिन खबरों के मुताबिक, वे कांग्रेस से गुप्त समर्थन प्राप्त कर रहे हैं। यहां कांग्रेस के उम्मीदवार मोहम्मद वलीउल्लाह समीर और BRS के श्रीनिवास यादव भी मैदान में हैं, लेकिन मुकाबला पूरी तरह से AIMIM और बीजेपी के बीच ही दिख रहा है।
भविष्य की संभावनाएं
यदि इस बार भी असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करते हैं, तो यह AIMIM की लगातार दसवीं जीत होगी। यह विजय AIMIM के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इससे क्षेत्र में उनकी राजनीतिक ताकत और प्रभाव की पुष्टि होगी। दूसरी ओर, बीजेपी के लिए हैदराबाद में सफलता पाने की राह कठिन लग रही है, और उन्हें यहां अपनी रणनीति पर पुन: विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।
असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी का क्षेत्र में मजबूत आधार है, जिसे कमजोर करना आसान नहीं लगता। राजनीतिक परिदृश्य में आने वाले वर्षों में क्या बदलाव होंगे, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल, हैदराबाद सीट पर असदुद्दीन ओवैसी का किला मजबूत और अजेय दिखाई दे रहा है।
Suresh Dahal
जून 4, 2024 AT 20:37हायदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी की पुनः जीत हमारे लोकतंत्र की विवेकशीलता को दर्शाती है। उनके निरंतर विजयी रिकॉर्ड ने इस क्षेत्र में स्थायी भरोसा स्थापित किया है। आगामी चुनावों में यह पैटर्न निरंतर जारी रहने की सम्भावना है। इस दिशा में सभी नागरिकों को सकारात्मक भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए।
PANKAJ KUMAR
जून 7, 2024 AT 04:10ओवैसी की लोकप्रियता का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि स्थानीय समस्याओं पर उनका दृष्टिकोण जनता के साथ मेल खाता है। साथ ही, भाजपा की रणनीति में कुछ कमी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। इस प्रकार के संघर्ष लोकतांत्रिक भावना को सुदृढ़ करते हैं।
Anshul Jha
जून 9, 2024 AT 11:43भाजपा ने अपनी असफलता को दांव पर लगा दिया है वह सच्ची राष्ट्रीयता से दूर है
Anurag Sadhya
जून 11, 2024 AT 19:17ओवैसी की जीत यह दर्शाती है कि सामाजिक समावेशन और आर्थिक विकास साथ-साथ चलते हैं 😊
स्थानीय स्तर पर शैक्षणिक सुविधाओं में सुधार लाना आवश्यक है।
Sreeramana Aithal
जून 14, 2024 AT 02:50असदुद्दीन ओवैसी का निरंतर विजय खिताब राजनीतिक अनुशासन और नैतिक स्पष्टता का प्रतीक है। इस प्रकार की अडिग प्रतिबद्धता का कोई विकल्प नहीं हो सकता। यदि अन्य पार्टियों ने इमानदारी और जनकल्याण को प्राथमिकता दी तो ही वह इस गढ़ को जकड़ पाएँगे। चुनावी रणभूमि में झूठी वादों की कलेश नहीं, बल्कि ठोस कार्यों की जरूरत है। सामाजिक ताने-बाने को बेजोड़ नेतृत्व ही सुदृढ़ कर सकता है। इस बात को नज़रअंदाज़ करना मौलिक मानवीय मूल्यों के खिलाफ होगा।
DEBAJIT ADHIKARY
जून 16, 2024 AT 10:23हैदराबाद की मतदान प्रवृत्ति स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि स्थानीय मुद्दे सर्वोपरि हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने इन मुद्दों को सुगमता से अपने मंच पर रखा है। इसलिए उन्होंने भरोसा हासिल किया है। भविष्य में भी यह पैटर्न जारी रहने की संभावना है।
abhay sharma
जून 18, 2024 AT 17:57वाह असदुद्दीन फिर से जीत गए, जैसे हर बार होता है
Abhishek Sachdeva
जून 21, 2024 AT 01:30असदुद्दीन ओवैसी की जीत सिर्फ पार्टी के दांव नहीं बल्कि इस क्षेत्र की सच्ची जनमत है।
भाजपी ने यहाँ अपनी नीतियों को लागू करने का साहस नहीं दिखाया।
कई बार वे राष्ट्रीय मुद्दों को स्थानीय वास्तविकताओं पर थोपते रहे हैं।
यह दिखाता है कि केंद्रीय सरकारी आदेशों को स्थानीय स्तर पर उतारना असंभव है।
AIMIM की जड़ें यहां गहरी हैं, इसलिए कोई भी बाहरी ताकत उन्हें हिला नहीं सकती।
एलेक्टोरल आंकड़े स्पष्ट रूप से यह साबित करते हैं कि वोटर बेस में कोई बदलाव नहीं आया।
लगातार दशकों से यह गढ़ AIMIM के प्रति वफादार रहा है।
यदि कोई पार्टी यहाँ जीतना चाहती है तो उसे पहले समुदाय के विश्वास को जीतना होगा।
यह केवल एथनीक वोट नहीं, बल्कि विकास के लिए स्पष्ट विकल्प है।
भाजपी का रणनीतिक ढंग यहां विफल हो गया है क्योंकि उन्होंने स्थानीय मुद्दों को नजरअंदाज किया।
कई विशेषज्ञों ने पहले ही इस बदलाव को सही कहा था।
भविष्य में भी यही प्रवृत्ति बनी रहेगी जब तक कि अन्य पार्टियां वास्तविक सुधार नहीं लातीं।
सामाजिक समरसता और आर्थिक उन्नति को एक साथ लाने वाली नीतियां ही वास्तविक जीतें गढ़ेंगी।
ओवैसी की निरंतर जीत इस बात का प्रमाण है कि जनता ने स्पष्ट रूप से अपने हितों को चुना है।
संक्षेप में कहा जाए तो, कमज़ोरी और असंगत नीति को यहाँ कोई जगह नहीं है।
Janki Mistry
जून 23, 2024 AT 09:03वोट शेयर विश्लेषण दर्शाता है कि Ovaisi ने 58% की लीड हासिल की, जिससे उनकी एन्क्रिप्टेड बेस सॉलिड रहती है।
Akshay Vats
जून 25, 2024 AT 16:37यो रिजल्ट साफ़ से दिखा रहे है कि बिपी के पूछते कोइ बिसेस तरकीब नहीं है। असदलुद्दीन ओवैसी फिर से जीत के लिये लालवाणे रखता है।
Anusree Nair
जून 28, 2024 AT 00:10हैदराबाद में सकारात्मक ऊर्जा हमेशा दिखी है, ओवैसी का लगातार जीतना इस बात का सबूत है। सभी को मिलजुल कर क्षेत्र का विकास करना चाहिए।
Bhavna Joshi
जून 30, 2024 AT 07:43राजनीतिक स्थिरता को समझने के लिए हमें सामाजिक संरचनाओं के भीतर निहित सिद्धांतों पर विचार करना चाहिए। ओवैसी की जीत एक स्थायी प्रतिरूप की तरह कार्य करती है जो नयी चुनौतियों के सामने भी टिके रहता है। इस प्रकार के मॉडल को अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है।
Ashwini Belliganoor
जुलाई 2, 2024 AT 15:17ओवैसी की जीत का विवरण बहुत लंबा है, हालांकि मुख्य बिंदु स्पष्ट है