पटना में आज के गोल्ड रेट और उनका असर
22 सितंबर 2025 को बिहार के राजधानियों में से एक, पटना के ज्वैलरी बाजार में सोने के दामों में तीव्र उछाल दर्ज किया गया। बिहार गोल्ड रेट अब 24‑कैरट के लिए 10 ग्राम पर ₹113,160 तक पहुँच गया, जो पिछले दिन की तुलना में ₹930 का बढ़ाव है। वही 22‑कैरट की कीमत 10 ग्राम के लिए ₹103,655 है, जिसमें ₹852 का इजाफा देखा गया। 18‑कैरट के खंड में भी 10 ग्राम पर ₹84,870 की कीमत बनी, जो ₹698 की वृद्धि दर्शाती है।
इन बढ़ी हुई कीमतों ने मध्य‑वर्गीय और निम्न‑आय वाले परिवारों की सोने की खरीदारी को कठिन बना दिया है। बहुतेरे लोग शादी‑विवाह और त्योहारों के दौरान सोना खरीदने की अपनी परम्परा को अब नज़रअंदाज़ कर रहे हैं या फिर बड़ी रकम के बजाय हल्के वजन के टुकड़े चुन रहे हैं। स्थानीय जौहरी बताते हैं कि ग्राहक अब छोटे, हल्के डिज़ाइन वाले गहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं, और कई लोग आजी‑वित्तीय सुरक्षा के तौर पर सिल्वर को विकल्प बना रहे हैं।
- 24‑कैरट: ₹113,160 (10 ग्राम) – +₹930
- 22‑कैरट: ₹103,655 (10 ग्राम) – +₹852
- 18‑कैरट: ₹84,870 (10 ग्राम) – +₹698
सिल्वर मार्केट की मौजूदा स्थिति
सोने के समानांतर, चांदी की कीमतों में भी हल्की गति देखी गई। सिल्वर ने 10 ग्राम के लिए ₹1,378.33 की कीमत पर 0.15 % का छोटा सा इजाफ़ा दर्ज किया। प्रति ग्राम की दर लगभग ₹137.83 और प्रति किलोग्राम की कीमत ₹137,833 रही। यह वृद्धि मुख्यतः वैश्विक बाजार में सतत माँग और स्थानीय आयात पर निर्भर करती है।
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में इस उछाल के कई कारण हैं: बढ़ते आयात, RBI द्वारा सोने के रिज़र्व में विस्तार, और सार्वजनिक‑निजी दोनों क्षेत्रों में निरन्तर उच्च माँग। इस बीच, कई निवेशक अब सिल्वर को वैकल्पिक निवेश साधन के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि इसकी कीमत में स्थिरता अधिक लगती है।
ज्यादातर जौहरी यह रिपोर्ट कर रहे हैं कि ग्राहक आज‑कल आने‑जाने में हिचकिचाते दिखते हैं। कुछ लोग कीमत घटने की आशा में अपने खरीदारी के इरादे को स्थगित कर रहे हैं, जबकि कुछ हल्के वजन के आर्टिकेल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जैसे कि 5‑10 ग्राम के छोटे डायमंड‑सेट पेंडेंट या मर्डर खरीदना।
भविष्य में कीमतों के रुझान पर विभिन्न मत हैं। कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि आयात में बढ़ोतरी और RBI की जमा‑भंडार नीति के कारण कीमतें निकट भविष्य में और ऊपर जा सकती हैं, जबकि अन्य मानते हैं कि बजट‑टाइट ग्राहकों की दबाव और संभावित निर्यात‑नीतियों में बदलाव के कारण कीमतों में स्थिरता आ सकती है।
Riya Patil
सितंबर 23, 2025 AT 01:06बजट‑टाइट परिवारों की धड़कन अब गोल्ड रेट की तेज़ी से थरथरा रही है। पिछले कुछ हफ़्तों में 24‑कैरट के दाम में पाँच प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है, जिससे छोटी‑छोटी बचत भी ख़र्च पर लादीव हो रही है। इस बढ़ोतरी के कारण लोग अब हल्के डिज़ाइन वाले पेंडेंट और बीडिंग को प्राथमिकता दे रहे हैं। परम्परागत सोने के शुद्धता के साथ-साथ वजन का भी ध्यान रखा जा रहा है, ताकि भारी खर्च से बचा जा सके।
naveen krishna
सितंबर 23, 2025 AT 06:40मैं भी यही देख रहा हूँ, लोग अब हल्के डिज़ाइन वाले गहने चुन रहे हैं :) साथ ही कई परिवार सिल्वर को वैकल्पिक निवेश मानने लगे हैं। यह बदलाव बाजार की लचीलापन को दर्शाता है।
Disha Haloi
सितंबर 23, 2025 AT 12:13अरे भाई, विदेशियों से सोना आयात करने की अब और बहाना नहीं चलेगा! सरकार को अपना खुद का रिझर्व बढ़ाना चाहिए, नहीं तो विदेशी मौद्रिक साज़िशें हमारे आम जनता को मारेंगी। ये निरन्तर बढ़ती कीमतें केवल बड़े व्यापारियों के लिये फायदेमंद हैं, छोटे मध्यम वर्ग को तो दजा‑दबा कर देती हैं। हमें राष्ट्रीय स्वाभिमान के साथ अपने सोने की स्थिरता भी बनाए रखनी चाहिए। अतः आयात पर रोक लगाकर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना चाहिए।
Mariana Filgueira Risso
सितंबर 23, 2025 AT 17:46सोने की कीमतों में इतना तेज़ इजाफा कई कारकों के संगम से हुआ है। सबसे पहले, वैश्विक बाजार में मौद्रिक नीतियों का ढीला होना और चलन में वृद्धि ने सोने को सुरक्षित आश्रय बना दिया है। (1) भारत में आयात शुल्क में कमी और त्वरित शिपमेंट प्रक्रिया ने बाजार में सोने की उपलब्धता बढ़ा दी। (2) RBI की सोने की भंडार नीति में विस्तार ने निवेशकों को भरोसा दिलाया, जिससे मांग बढ़ी। (3) स्थानीय जौहरी ने बताया कि ग्राहक अब छोटे, हल्के डिज़ाइन वाले टुकड़े खरीद रहे हैं, जिससे मूल्य सीमा पर दबाव कम नहीं हुआ।
सिल्वर मार्केट की हल्की गति भी उल्लेखनीय है; सिल्वर की कीमत में 0.15% का इजाफा दर्शाता है कि निवेशक अब स्थिरता के लिए वैकल्पिक विकल्प देख रहे हैं।
यहाँ तक कि कई आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आयात में वृद्धि जारी रही, तो अगले महीनों में सोने के दाम 5‑10% और ऊपर जा सकते हैं।
वहीं, कुछ विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यदि बजट‑टाइट ग्राहकों की थकान बढ़ी और निर्यात‑नीतियों में बदलाव आया, तो कीमतों में स्थिरता आ सकती है।
ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि सोने के रेट में रोज़ाना छोटे‑छोटे उतार‑चढ़ाव होते रहते हैं, इसलिए निवेशकों को दीर्घ‑कालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
अन्यथा, अल्पकालिक लाभ की चाह में लोग नुकसान भी झेल सकते हैं।
समग्र रूप से, इस उछाल में कई सामाजिक‑आर्थिक पहलू जुड़े हुए हैं, और निवेशकों को इन सभी पहलुओं को समझकर ही निर्णय लेना चाहिए।
Dinesh Kumar
सितंबर 23, 2025 AT 23:20सोने की कीमतें बढ़ रही हैं, लेकिन सिल्वर अभी भी तुलनात्मक रूप से सस्ता विकल्प है। इस स्थिरता को देखते हुए कई निवेशक अब सिल्वर को पोर्टफ़ोलियो में जोड़ रहे हैं। आशा है कि यह विविधता दीर्घकालिक सुरक्षा प्रदान करेगी।
Hari Krishnan H
सितंबर 24, 2025 AT 04:53बिल्कुल सही कहा, सिल्वर अभी भी एक अच्छा विकल्प है। चलो मिलके इस सोच को आगे बढ़ाते हैं।
umesh gurung
सितंबर 24, 2025 AT 10:26ध्यान देने योग्य बात यह है, कि सोने की कीमतों में तेज़ी सिर्फ़ एकत्रित आँकड़ो से नहीं समझाई जा सकती; यह कई आर्थिक संकेतकों, जैसे विनिमय दर, वैश्विक मांग‑आपूर्ति, तथा RBI के आरक्षित नीतियों के संयोग से उत्पन्न होती है। इसके अलावा, स्थानीय जौहरी की रिवेन्यू, आयात‑निर्यात संतुलन, तथा मौसमी उपभोक्ता व्यवहार भी इस पर गहरा असर डालते हैं। इसलिए, निवेशकों को केवल वर्तमान कीमतों पर ही नहीं, बल्कि इन व्यापक कारकों पर भी प्रकाश डालकर निर्णय लेना चाहिए।
sunil kumar
सितंबर 24, 2025 AT 16:00उपर्युक्त विश्लेषण के परिप्रेक्ष्य में, हमें एक मल्टी‑डायमेंशनल फ्रेमवर्क अपनाना आवश्यक है; जहाँ मैक्रो‑इकोनॉमिक वैरिएबल्स, जैसे जीडीपी ग्रोथ, इन्फ्लेशन ट्रेंड, तथा फॉरेन एक्शन रेट, सीधे सोने की प्राइसिंग एलास्टिसिटी को मोड्यूलेट करते हैं। साथ ही, मार्केट‑डायनैमिक्स के भीतर, सिल्वर‑इंडेक्स का कॉरेलेशन कोएफिशिएंट, गोल्ड‑बैंड यील्ड स्प्रेड, एवं रिस्क‑प्रीमियम इनडेक्स का नॉन‑लीनियर इंटरेक्शन, किंमती के उतार‑चढ़ाव को सिनर्जेटिक रूप से प्रभावित करता है। इस जटिलता को समझते हुए, एक इंटेग्रेटेड इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी, जिसमें पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन, टर्म‑मैचिंग, तथा हेजिंग मेकॅनिज़्म शामिल हों, सबसे प्रभावी रहेगा।
prakash purohit
सितंबर 24, 2025 AT 21:33ऐसा लगता है कि यह कीमतों का उछाल कुछ छिपे हुए एलायमेंट्स की वजह से है, जो आम जनता को नहीं दिखते। लेकिन निश्चित रूप से, बाजार में अपनी ही लकीरें होती हैं।
Darshan M N
सितंबर 25, 2025 AT 03:06वास्तव में कीमतें अभी भी सस्ता नहीं है।
manish mishra
सितंबर 25, 2025 AT 08:40सोने की कीमतें आजकल आसमान छू रही हैं, पर ये सब बड़े बैंक और इंटरनैशनल फंड्स की चाल है! सच में, हमें असली कच्चा सोना खरीदना चाहिए, न कि इन रिफ़रेंस रेट्स का पीछा करना 😒। आजकल की ये फैंसी मार्केट प्लॉट्स सिर्फ़ एलीट को फूड दे रही हैं।
tirumala raja sekhar adari
सितंबर 25, 2025 AT 14:13yeh price to bahut high ha, lekin koi bhi book me na likha h k yeh kyu . uff sahi me active market hi nhi lag rha.