न्यूयॉर्क की 'मिनी इंडिया' भीड़ और नहीं थमती धड़कनें

न्यूयॉर्क के मैच में नजारा किसी भारतीय मैदान जैसा था। चारों तरफ तिरंगे, भारत-माता की जयकार, और दर्शकों का जोश – हर चीज़ ने बता दिया कि अमेरिका में भी क्रिकेट की अलग दीवानगी है। लेकिन मैदान पर माहौल उतना आसान नहीं था। अमेरिका की टीम, जिसने अपनी नज़रें मजबूत की हैं, ने भारत के धुरंधरों को शुरुआती ओवरों में ही परेशान कर दिया।

अमेरिका ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी और बोर्ड पर 110/8 का औसत स्कोर टांगा। दिखने में कम, लेकिन इस पिच पर काफी चैलेंजिंग। शायन मोइन खान, आरोन जोन्स और एंडरसन जैसी उम्मीदें टिकी रहीं। भारत के लिए अर्शदीप सिंह सबसे बड़े हीरो साबित हुए — उन्होंने अपने कटर और स्विंग से लगातार विकेट निकाले और अमरीका के रन फ्लो पर ब्रेक लगाया।

अमेरिका की बल्लेबाजी के दौरान टी20 वर्ल्ड कप इतिहास में पहली बार 'स्टॉप-क्लॉक पेनल्टी' भी देखने को मिली। देर करने पर टीम के खाते में 5 अतिरिक्त रन जुड़ गए, जिससे अमरीकी खेमे में घबराहट दिखी — यही अनुभव की कमी है, जो उन्हें इस लेवल पर आगे बढ़ने के लिए सीखनी होगी।

सूर्य का 'ठहराव', नेट्रवेलकर का जादू और भारत की गहराई

सूर्य का 'ठहराव', नेट्रवेलकर का जादू और भारत की गहराई

भारत के लिए लक्ष्य आसान लग रहा था, लेकिन क्या विराट कोहली...क्या रोहित शर्मा! दोनों को अकेले ही भारत में जन्मे अमेरिकन गेंदबाज़, सौरभ नेट्रवेलकर ने जल्दी पवेलियन भेज दिया। एक पल के लिए क्रीज पर भारी सन्नाटा, फिर मैदान में गूंजा – 'ये इंडिया है!'

तीसरे विकेट पर सूर्याकुमार यादव सरकार में आए और खेल को संभाल लिया। उन्होंने पिच के मिज़ाज को परखा, बाउंड्री का लगभग हर कोना समझा और धीरे-धीरे भारतीय पारी को मजबूत आधार दिया। शिवम दुबे ने भी संयम दिखाया। दोनों ने दर्शकों को भरपूर एंटरटेनमेंट दिया और स्कोरकार्ड को तेजी से न बढ़ाते हुए सुनिश्चित किया कि कहीं जल्दबाज़ी भारत पर भारी न पड़ जाए।

आखिरकार, 18.2 ओवर में 111/3 के स्कोर पर भारत ने मैच अपने नाम कर लिया। सिर्फ टी20 ही नहीं, बल्कि किसी भी फॉर्मेट में अमेरिकी टीम के सामने यह भारत की तीसरी जीत है।

कप्तान रोहित शर्मा ने पोस्ट मैच में सूर्या की शांत बल्लेबाजी और शिवम दुबे की गेंदबाजी को खास सराहा। उनसे पूछा गया — ये नई रणनीति कब से? रोहित ने माना कि अमेरिका के तेजी से उभरते क्रिकेट के मुकाबले भारत को भी मैच के हिसाब से खुद को एडजस्ट करना पड़ा।

  • भारत ने सुपर-8 में जगह पक्की कर ली है;
  • टीम इंडिया का अगला मुकाबला अब और बेहतर भूमि पर होगा;
  • अमेरिकी क्रिकेट फैंस और वहां के युवाओं को यह याद रहेगा कि उन्होंने वर्ल्ड कप के मंच पर दिग्गजों को टक्कर दी।

क्रिकेट अब सीमाओं से परे पहुंच चुका है। न्यूयॉर्क जैसे शहरों में अब तिरंगा लहराता है, बल्ले-गेंद की चर्चा होती है, और नए सपने पलते हैं। शायद अगले कुछ सालों में कोई अमेरिकी बल्लेबाज सूर्यकुमार की तरह टिके, तब कहानी और रोचक होगी।