Trivikram Srinivas: तेलुगु सिनेमा के महारथी
क्या आप कभी सोचते हैं कि कुछ फ़िल्में क्यों इतनी यादगार रहती हैं? अक्सर इसका जवाब एक ही नाम में छिपा होता है – Trivikram Srinivas. वह केवल एक डायरेक्टर नहीं, बल्कि शब्दों के जादूगर, कहानीकार और दर्शकों के दिल के दोस्त हैं.
करियर का सफ़र
Trivikram का पहला कदम 1997 में लेखन से शुरू हुआ, जब उन्होंने Chandralekha में स्क्रीनराइटर का काम किया. बाद में Murari (2001) ने उन्हें पूरी पहचान दिलाई. लेकिन असली ब्रेकथ्रू 2004 की “Athadu” थी, जहाँ उनके तेज़‑तर्रार डायलॉग और अनोखे चरित्रों ने बॉक्स‑ऑफिस को हिला दिया.
उसके बाद “Jalsa”, “Khaleja”, “Darling” और “Attarintiki Daredi” जैसी हिट फ़िल्में आईं. हर फ़िल्म में Trikrama ने कहानी को ऐसा मोड़ दिया कि दर्शक पहली बार में ही फंस जाएँ. उनका काम सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि सामाजिक मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज़ में पेश करना है.
फ़िल्मी शैली और दांव
Trikrama की सबसे पहचानने योग्य बात है उनकी डायलॉग राइटिंग. वह भाषा को ऐसे चमकाते हैं जैसे कोई ज्वालामुखी. ‘इश्क़ नहीं, इन्साफ़’ या ‘अवनीश बड़े धाकड़’ जैसी पंक्तियों को सुनते ही हर दर्शक के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है.
उनकी फ़िल्मों में अक्सर दो बातें मिलती हैं – हल्के‑फुल्के कॉमेडी और दिल को छू लेने वाले इमोशन. यह संतुलन ही उन्हें बाकी मेकर्स से अलग बनाता है. साथ ही, वह बड़े‑बड़े स्टार्स को भी ऐसे रोल देते हैं जो उनके पर्सनैलिटी से बिल्कुल अलग होते हैं, जैसे Allu Arjun को ‘S/O Satyamurthy’ में दिखाया गया विस्तृत भावनात्मक पक्ष.
Trikrama का काम सिर्फ स्क्रीन तक सीमित नहीं; वह अपने फ़िल्मों में सामाजिक संदेश भी छुपाते हैं. चाहे वह महिला सशक्तिकरण हो या ग्रामीण जीवन की कठिनाइयाँ, उन्होंने हमेशा बात को एंटरटेनमेंट में घुला दिया.
ऑडियंस का गहरा भरोसा भी उनका बड़ा फ़ायदा है. हर नई फिल्म की घोषणा पर सोशल मीडिया पर ट्रेंड्स बनते हैं, और पहली ही हफ्ते में टिकट बुक हो जाते हैं. यह भरोसा केवल उनकी कहानी कहने की कला से नहीं, बल्कि उनके प्रोफ़ेशनलिज़्म और टाइम मैनेजमेंट से भी आता है.
भविष्य की बात करें तो Trikrama की अगली फ़िल्म “Waltair Veerayya” पर काफी चर्चा है. इस बार भी वह अपने बॉक्स‑ऑफिस रॉकेट को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की कोशिश करेंगे.
संक्षेप में, Trivikram Srinivas एक ऐसा नाम है जो हर तेलुगु फ़िल्म प्रेमी को जानना चाहिए. उनकी कहानी, शैली और लगातार सफलता को समझ कर आप भी फ़िल्मी दुनिया के कुछ रहस्यों को खोल सकते हैं.
तो अगली बार जब आप कोई नई ट्रिविक्रम फ़िल्म देखेंगे, तो उनके बारीकियों को देखिए – डायलॉग, नैरेशन और किरदारों की गहराई. यही तो है उनका जादू, जो हर एक कहानी को यादगार बनाता है.