केमोथेरेपी: तुरंत जानने वाली बेसिक बातें
केमोथेरेपी यानी केमो कैंसर कोशिकाओं को मारने या उनकी वृद्धि रोकने के लिए दवाओं का उपयोग है। क्या यह दर्दनाक है? यह निर्भर करता है — दवा, खुराक और आपके शरीर पर। पेशेंट के रूप में आप सबसे ज़्यादा यह जानना चाहेंगे: यह क्यों चाहिए, कब चाहिए और इसके असर कितने समय तक दिखते हैं।
बहुत सी दवाएं शरीर में फैलकर काम करती हैं, इसलिए अच्छे और बुरे दोनों तरह के असर दिख सकते हैं। अच्छे असर से मतलब कैंसर की कोशिकाओं का घटना; बुरे असर से मतलब उल्टी, बाल झड़ना, थकान और संक्रमण का जोखिम। पर आज के समय में कई सपोर्टिव दवाएँ हैं जो साइड-इफेक्ट्स को काफी कम कर देती हैं।
केमोथेरेपी के प्रकार और कैसे दी जाती है
केमोथेरेपी अलग-अलग तरीके से दी जा सकती है — एकल दवा या दवाओं का संयोजन। इसका इस्तेमाल कभी-कभी सर्जरी के पहले (neoadjuvant) ट्यूमर छोटा करने के लिए, कभी सर्जरी के बाद (adjuvant) बची हुई कोशिकाएँ खत्म करने के लिए, और कभी पेलिएटिव यानी दर्द और लक्षण कम करने के लिए किया जाता है।
दवा देने के तरीके: इंजेक्शन/IV (सबसे आम), मुख से ली जाने वाली गोली, या सीधे किसी अंग में। हर सत्र के बीच विश्राम का समय होता है ताकि शरीर रिकवर कर सके। आपका ऑन्कोलॉजिस्ट सत्रों की संख्या और अंतर तय करेगा — यही आपकी ट्रीटमेंट प्लान होती है।
साइड-इफेक्ट्स और उन्हें संभालने के सरल तरीके
सबसे आम असर: थकान, उल्टी/मतली, बाल झड़ना, मुँह में घाव, और infections के लिए खतरा। क्या सबको ये होंगे? नहीं — कई लोगों को हल्के असर मिलते हैं और कुछ को ज्यादा।
प्रैक्टिकल टिप्स: उल्टी रोकने के लिए antiemetic दवा लें जैसा डॉक्टर कहे। थकान के लिए दिन में छोटे-छोटे आराम लें, ज़रूरी काम छाँटकर करें। संक्रमण से बचने के लिए भीड़ और बीमार लोगों से दूरी रखें, हाथ अच्छे से धोएं और बुखार आये तो तुरंत डॉक्टर को बताएं।
फर्टिलिटी, त्वचा और नाखूनों में बदलाव जैसी बातें पहले से डॉक्टर से पूछें — कुछ दवाओं से भविष्य में बच्चों की संभावना प्रभावित हो सकती है, तो ज़रूरी सुझाव मिल सकें।
क्या खाना-पीना बदलना होगा? हल्का, पौष्टिक खाना और पर्याप्त पानी मददगार है। वजन बनाए रखने की चिंता हो तो डायटिशियन से सलाह लें। यात्रा, टीकाकरण और दवाइयों के साथ-संगतता पर भी डॉक्टर से स्पष्ट निर्देश लें।
पकड़ में रखने वाली छोटी चेकलिस्ट: सत्र से पहले और बाद में CBC/रक्त जाँच, दवा के नाम और संभावित साइड-इफेक्ट्स की सूची अपने पास रखें, किसी आपात स्थिति (जैसे तेज़ बुखार, सांस में तकलीफ, तेज़ चक्कर) पर क्लीनिक से तुरंत संपर्क करें।
अंत में, भावनात्मक सहारा न भूलें — परिवार, सपोर्ट ग्रुप या काउंसलर से बात करना बहुत मदद करता है। सवाल पूछने से संकोच न करें: यह आपका इलाज है, और आपको हर चरण की जानकारी होनी चाहिए।