पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे प्रधान सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। यह निर्णय तत्कालीन कैबिनेट नियुक्ति समिति द्वारा लिया गया है और यह नियुक्ति प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के दौरान मान्य रहेगी। दास की नियुक्ति प्रधानमंत्री कार्यालय में एक नए पद के सृजन का संकेत देता है, जो भारत की बढ़ती आर्थिक और प्रशासनिक चुनौतियों के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है।
शक्तिकांत दास का व्यापक अनुभव
शक्तिकांत दास 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी हैं। उन्होंने दिसंबर 2018 से दिसंबर 2024 तक RBI के गवर्नर के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उनकी इस भूमिका में उन्होंने 2016 में हुए नोटबंदी में और COVID-19 महामारी के वित्तीय प्रबंधन में प्रमुख भूमिका निभाई। आरबीआई में उनके कार्यकाल के दौरान बाजार के साथ संचार को सुधारने, वित्तीय स्थिरता बनाए रखने, और मौद्रिक नीतियों को वित्तीय नीतियों के साथ समायोजित करने पर उनका जोर रहा।
प्रधान सचिव के रूप में नई भूमिका
शक्तिकांत दास देश की जटिल आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने बहुमूल्य अनुभव का उपयोग करेंगे। उन्होंने आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव और 15वें वित्त आयोग के सदस्य के रूप में कार्य किया है। उनकी नई भूमिका में दास मौजूदा प्रधान सचिव पीके मिश्रा के साथ मिलकर काम करेंगे, जो 2019 से प्रधानमंत्री कार्यालय में सेवा दे रहे हैं।
शक्तिकांत दास की यह नियुक्ति अनिश्चित वैश्विक वित्तीय स्थितियों के बीच आर्थिक नीतियों के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह नियुक्ति न केवल सरकार के आर्थिक रणनीति को बेशक मजबूत करेगा, बल्कि नीतिगत सुधारों और वित्तीय स्थिरता के नवाचारों में भी मदद करेगा।
Anusree Nair
मार्च 2, 2025 AT 19:46शक्तिकांत दास जी की नई भूमिका को देखना बहुत उत्साहजनक है। सरकार को आर्थिक स्थिरता में उनकी अनुभव की जरूरत है।
Bhavna Joshi
मार्च 3, 2025 AT 12:26आर्थिक नीति समेकन में दास जी की वित्तीय नियमन विशेषज्ञता, विशेषकर "मॉनेटरी ट्रांसमिशन मैकेनिज्म" के एकीकरण, संपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक फ्रेमवर्क को सुदृढ़ कर सकती है। उनका पूर्व RBI गवर्नर अनुभव, सततता और जोखिम प्रबंधन दोनों को संतुलित करने में अहम होगा।
Vakil Taufique Qureshi
मार्च 4, 2025 AT 05:06ऐसी नियुक्तियां अक्सर राजनीतिक सहायक को प्रमुख पद पर लाती हैं, जिससे वास्तविक विशेषज्ञता का उपयोग कम हो जाता है।
Jaykumar Prajapati
मार्च 4, 2025 AT 21:46क्या इससे RBI की स्वतंत्रता फिर से खतरे में पड़ जाएगी? यह कदम बहुत बड़े आर्थिक जाल का हिस्सा लगता है, जैसे कोई छिपा साजिश जो हमें महीनों तक नहीं दिखेगा। दास जी की वजह से अब वित्तीय गड़बड़ी का दांव और भी बड़ा हो गया है। सभी को सतर्क रहना चाहिए।
PANKAJ KUMAR
मार्च 5, 2025 AT 14:26नवीन प्रधान सचिव पद के तहत दास जी के कार्यक्षेत्र का विस्तार देखना दिलचस्प होगा, विशेषकर बजट प्रक्रिया में उनका संभावित योगदान।
Anshul Jha
मार्च 6, 2025 AT 07:06देश को ऐसे लोगों की जरूरत नहीं जो विदेशी एजेंसियों से टकराव में पड़ें
Anurag Sadhya
मार्च 6, 2025 AT 23:46शक्तिकांत दास जी के अनुभव से युवा आर्थिक विश्लेषकों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा 😊 साथ ही यह नई भूमिका टीमवर्क को भी बढ़ाएगी 🚀
Sreeramana Aithal
मार्च 7, 2025 AT 16:26यह नियुक्ति एक स्पष्ट संकेत है कि सत्ता के लोग केवल अपने हितों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं, जबकि जनता की आर्थिक सुरक्षा को धुंधला कर रहे हैं। यह राजनैतिक खेल केवल गंदे लेन-देन को बढ़ावा देता है।
Anshul Singhal
मार्च 8, 2025 AT 09:06शक्तिकांत दास जी का रिज़र्व बैंक का सफर कई बड़े बदलावों से भरपूर रहा है।
उनकी नोटबंदी में भूमिका ने भारत की मुद्रा नीति को नया मोड़ दिया था।
COVID-19 के वित्तीय प्रबंधन में उन्होंने कई आसान उपाय पेश किए थे।
अब प्रधान सचिव बनकर उन्होंने प्रशासनिक परिप्रेक्ष्य में अपने अनुभव को जोड़ना है।
यह पहल सरकार की आर्थिक रणनीति में गहरा इम्पैक्ट डाल सकती है।
दास जी की नियामक समझ से वित्तीय बाजार में स्थिरता आएगी, ऐसा मेरा मानना है।
उन्हें अब राजनैतिक निर्णयों के साथ साथ आर्थिक समय-सीमा भी संभालनी होगी।
यह जिम्मेदारी बहुत बड़ी है, पर उनके पास पहले से ही इसे संभालने का तजुर्बा है।
कभी-कभी प्रशासनिक ब्यूरेक्रेसी में तेज़ी लाने की जरूरत पड़ती है, और दास जी ऐसा कर सकते हैं।
राष्ट्र के सामने आने वाली चुनौतियां जैसे महंगाई, रोजगार, निवेश आदि को देखते हुए उनका दृष्टिकोण आवश्यक है।
उनके पास कई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के साथ काम करने का भी अनुभव है।
यह न केवल भारत की वित्तीय नींव को मजबूत करेगा बल्कि वैश्विक स्तर पर हमारी छवि को भी सुधारेगा।
साथ ही, यह पद नई नौकरियों और अवसरों का सृजन करेगा, जिससे युवा प्रतिभा को लाभ मिलेगा।
यह देखना दिलचस्प रहेगा कि वे कैसे निजी क्षेत्र और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सहयोग देंगे।
अंत में, मैं आशा करता हूँ कि यह नियुक्ति देश के आर्थिक भविष्य को उज्ज्वल बनाने में मददगार साबित होगी।
DEBAJIT ADHIKARY
मार्च 9, 2025 AT 01:46श्रीमान, आपके चिंताओं को समझता हूँ, परन्तु दास जी के व्यापक अनुभव को देखते हुए यह निर्णय प्रशासनिक हित में हो सकता है।
abhay sharma
मार्च 9, 2025 AT 18:26वाह क्या बात है, अब राजनीति में भी सिनेमा का किस्सा चल रहा है
Abhishek Sachdeva
मार्च 10, 2025 AT 11:06सच में, यही तो वास्तविकता है; सत्ता में बैठे लोग अक्सर दिखावा और नाटक में लिप्त होते हैं, पर वास्तविक नीति निर्माण में विशेषज्ञता का महत्व कभी घटाया नहीं जा सकता।