भारत और बेल्जियम के बीच कड़ा मुकाबला

पेरिस ओलंपिक 2024 के पूल बी मैच में भारतीय हॉकी टीम का सामना ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बेल्जियम की टीम से हुआ। इस मुकाबले में भारत ने शानदार और जोशपूर्ण खेल दिखाया लेकिन नतीजा बेल्जियम के पक्ष में गया। मैच के अंतिम सत्र में बेल्जियम ने अपना दबदबा बनाए रखा और तीसरे क्वार्टर में किए गए दो गोल निर्णायक साबित हुए।

भारतीय टीम द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद वे केवल एक ही गोल कर पाई। यह गोल ओपन प्ले में अभिषेक द्वारा किया गया। दूसरी ओर, भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने अब तक इस टूर्नामेंट में चार गोल किए हैं और वो भारतीय टीम के सबसे सफल स्कोरर हैं।

क्वार्टर फाइनल में जाने का रास्ता

भारत ने पहले तीन मैचों में जीत और ड्रॉ के माध्यम से सात अंक जुटाकर पहले ही क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली थी। पहले मैच में न्यूज़ीलैंड पर विजय, फिर आयरलैंड के खिलाफ महत्वपूर्ण जीत और अर्जेंटीना के खिलाफ ड्रा ने भारतीय टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचा दिया। इस मैच में बेल्जियम से जीतने की रणनीति के तहत टीम मैदान में उतरी थी, लेकिन परिणाम इसके विपरीत रहे।

अनुभवी गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने कई महत्वपूर्ण बचाव किए, लेकिन बेल्जियम की तेज तर्रार हमलों को रोकना मुश्किल हो गया। मैच के तीसरे क्वार्टर में बेल्जियम ने दो बार गेंद को भारतीय गोल में पहुंचाने में सफलता पाई, जिससे मैच का परिणाम उनके पक्ष में तय हो गया।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय प्रदर्शन

इस हार के बावजूद, भारतीय टीम ने पेरिस ओलंपिक में अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। इस हार के बाद भारतीय टीम को अब क्वार्टर फाइनल मैच की तैयारी करनी होगी। क्वार्टर फाइनल में एक अच्छा प्रदर्शन ही भारत के लिए आगे का रास्ता तय करेगा।

इस बीच, हॉकी के अलावा अन्य विधाओं में भी भारत ने अपना दमखम दिखाया है। स्वप्निल कुशले ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन्स प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए इस ओलंपिक में तीसरा पदक सुरक्षित किया है। यह देश के लिए गर्व का क्षण है और खिलाड़ियों के मनोबल को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।

आशाओं का बढ़ता आसमान

आशाओं का बढ़ता आसमान

भारतीय हॉकी टीम की इस हार के बावजूद उनके प्रदर्शन से देशवासियों में अभी भी आशा की लहर है। टीम की आनेवाली चुनौतियाँ कठिन होने वाली हैं, लेकिन उनके संघर्ष और संकल्प को देखते हुए लोग उम्मीद कर रहे हैं कि वे बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे। टीम के कोच और कप्तान ने भी खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

इस टूर्नामेंट के शुरू से ही भारतीय टीम ने अपने खेल में जो जोश और संघर्ष दिखाया है, वह देशवासियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गया है। भारत के खेल प्रेमियों की नज़रें अब आने वाले क्वार्टर फाइनल मैच पर टिकी हैं, जहां टीम से एक उत्कृष्ट प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। भारतीय खिलाड़ी अपनी बेहतर रणनीति और समर्पण के साथ क्वार्टर फाइनल में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।