सीबीआई की अनियमितताओं की जांच
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (नीट-यूजी) परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच की जिम्मेदारी ली है। यह परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और इसमें लगभग 24 लाख छात्रों ने भाग लिया था। विभिन्न शहरों में छात्रों के विरोध के बाद सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, परीक्षा प्रक्रिया की समीक्षा में कई अनियमितताएं सामने आईं। मंत्रालय ने यह रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी, जिसके आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई। अब सीबीआई इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।
इस मामले में, सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अब तक छात्रों की शिकायतों और उपलब्ध तथ्यात्मक जानकारी के अनुसार कई फ़र्ज़ीवाड़े और धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। पता चला है कि परीक्षा में कुछ छात्रों ने नकल और अन्य अनुचित साधनों का उपयोग कर के अपने परिणामों को प्रभावित करने की कोशिश की।
विरोध और छात्रों की मांग
परीक्षा में कथित अनियमितताओं की खबर फैलने के बाद, छात्रों ने विभिन्न शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए। उनके प्रमुख मांगों में परीक्षा की निष्पक्षता की जांच शामिल थी। इस दबाव के कारण, सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। छात्रों और उनके परिवारों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि जांच निष्पक्ष और प्रभावी होगी।
बड़ी संख्या में अनियमितताएं
सीबीआई के अधिकारियों के अनुसार, लगभग 24 लाख छात्रों ने इस परीक्षा में भाग लिया, और अनियमितताओं के कई मामले सामने आए। कुछ छात्रों ने ऑनलाइन नकल करने की कोशिश की, जबकि कुछ ने अपने पेपर के जवाब नक़ल से भरे। जांच में यह भी पाया गया कि कुछ केन्द्रों पर परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक हो गए थे, जिससे कुछ प्रतिभागियों को अनुचित लाभ मिला।
शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई को अपनी रिपोर्ट में बताया कि परीक्षा के दौरान कुछ छात्रों ने परीक्षा के नियमों का उल्लंघन किया। यह भी पता चला कि कुछ लोग पैसे लेकर छात्रों को अनुचित मार्गदर्शन प्रदान कर रहे थे। इस प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिए मंत्रालय ने कई उपाय सुझाए हैं।
अगले कदम
अब सीबीआई ने इस पूरे मामले की जांच तेज़ कर दी है। अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि कितने छात्र और कितने केंद्र इसमें शामिल थे। साथ ही, वे यह भी देख रहे हैं कि अनियमितताओं के पीछे कौन लोग शामिल हो सकते हैं। छात्रों की शिकायतों के आधार पर, सीबीआई अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि सबूतों और प्रमाणों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष जांच की जाएगी।
सीबीआई से उम्मीदें
छात्र और उनके परिवार अब सीबीआई के इस जांच पर उम्मीद लगाए बैठे हैं। उनका मानना है कि इस जांच के बाद परीक्षा प्रणाली में सुधार हो सकेगा और भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं को रोका जा सकेगा।
इस घटना ने शिक्षा प्रणाली में विश्वास को हिला दिया है, लेकिन छात्रों को अब उम्मीद है कि सीबीआई की जांच निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ पूरी होगी। यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि सीबीआई किन कदमों को उठाती है और भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए क्या हुआ।