झारखंड अकादमिक परिषद (JAC) ने कक्षा 9वीं और 11वीं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम आधिकारिक वेबसाइट jacresults.com और jac.jharkhand.gov.in पर घोषित कर दिए हैं। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र वेबसाइट पर लॉग इन करके और अपने रोल नंबर और रोल कोड विवरण दर्ज करके अपने परिणाम देख सकते हैं।
इस वर्ष कक्षा 9वीं के लिए उत्तीर्ण प्रतिशत 98.39% है, जबकि कक्षा 11वीं के लिए यह 98.48% है, जो पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि दर्शाता है। कक्षा 11वीं की परीक्षा के लिए कुल 1,86,505 छात्रों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 1,83,001 उपस्थित हुए और 1,79,920 छात्रों को सफल घोषित किया गया है।
कोडरमा जिला 99.64% उत्तीर्ण प्रतिशत के साथ कक्षा 11वीं में शीर्ष प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरा है। परिणाम आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं और छात्रों को भविष्य के संदर्भ के लिए अपने अंक पत्र का प्रिंटआउट लेने की सलाह दी जाती है।
अंक पत्र में छात्र की कक्षा, रोल नंबर, रोल कोड, नाम, माता-पिता के नाम, विद्यालय का नाम, विषयवार अंक और ग्रेड, कुल अंक और ग्रेड तथा अंतिम परिणाम जैसे विवरण शामिल होंगे। परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए छात्रों को प्रत्येक विषय में कम से कम 33 अंक और समग्र रूप से प्राप्त करने होंगे।
सफल छात्रों को अपने संबंधित स्कूलों से अपने अंक पत्र प्राप्त होंगे। JAC बोर्ड ने इस वर्ष की परीक्षाओं को सफलतापूर्वक आयोजित किया और समय पर परिणाम घोषित किया। बोर्ड के अधिकारियों ने छात्रों को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए बधाई दी है।
JAC बोर्ड की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी और यह राज्य में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा के लिए उत्तरदायी है। बोर्ड हर साल कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की परीक्षाएं आयोजित करता है और छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है।
बोर्ड का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उनके सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना है। बोर्ड शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों और सुधारों को लागू करने के लिए प्रयासरत है ताकि छात्रों को 21वीं सदी के कौशल से लैस किया जा सके।
JAC बोर्ड परीक्षा पद्धति में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बोर्ड ने परीक्षा की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखने के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे CCTV निगरानी, मोबाइल जैमर और परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक उपस्थिति।
JAC बोर्ड ने डिजिटलीकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। छात्र अब ऑनलाइन मोड के माध्यम से परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं और अपने प्रवेश पत्र और परिणाम डाउनलोड कर सकते हैं। इससे परीक्षा की प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक और कुशल हो गई है।
कोविड-19 महामारी के कारण पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है। हालांकि, JAC बोर्ड ने इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान छात्रों की सुरक्षा और भलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। बोर्ड ने ऑनलाइन कक्षाओं और मूल्यांकन के माध्यम से शिक्षा प्रणाली में निरंतरता सुनिश्चित की है।
JAC बोर्ड शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता और समावेशन के लिए प्रयासरत है। बोर्ड वंचित और हाशिए के छात्रों तक पहुंचने और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष पहल कर रहा है। बोर्ड का लक्ष्य सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करना और उनकी पूरी क्षमता को साकार करना है।
कुल मिलाकर, JAC बोर्ड झारखंड में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और छात्रों को उनके भविष्य के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बोर्ड का प्रदर्शन और प्रतिबद्धता प्रशंसनीय है और यह राज्य में शिक्षा के परिदृश्य को आकार देने में एक प्रमुख योगदानकर्ता बना हुआ है।
Anurag Sadhya
मई 17, 2024 AT 19:29जैसा कि बोर्ड ने आधिकारिक साइट पर परिणाम जारी किया है, सभी छात्रों को बधाई 🎉। यह उत्तीर्ण प्रतिशत पिछले साल से बढ़ा है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार दिखता है। इच्छुक छात्र अपनी रोल नंबर और कोड डालकर जल्दी ही अपना अंक पत्र देख सकते हैं। शुभकामनाएँ! 😊
Sreeramana Aithal
मई 18, 2024 AT 17:42अरे, फिर भी कुछ लोग इस “उत्कृष्टता” को सिर्फ संख्या में बदलकर दिखाते हैं, असली मेहनत को नज़रअंदाज़ कर देते हैं 🙄 :P। जब बोर्ड डिजिटल विधि अपनाता है, तो टैक्निकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी भी उजागर होती है, फिर भी सब “शाबाश” कहते हैं। ये परिणाम केवल आँकड़े नहीं, वास्तविक शिक्षा के प्रतिबिंब होने चाहिए।
Anshul Singhal
मई 19, 2024 AT 15:55जैसा कि हम सभी जानते हैं, परिणाम सिर्फ एक संख्या नहीं बल्कि एक सफर का प्रतिबिंब होते हैं। पहले वर्ष में छात्र अपने लक्ष्य को समझते हैं, फिर कड़ी मेहनत और निरन्तर अभ्यास के माध्यम से इसे प्राप्त करते हैं। यह प्रक्रिया केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है; यह आत्म-अनुशासन, समय प्रबंधन और भावनात्मक स्थिरता का भी परीक्षण है। जब छात्र अपनी कठिनाइयों को पहचानते हुए उन्हें पार करने की कोशिश करते हैं, तो उनका व्यक्तित्व भी निखरता है। परिणामों का उच्च प्रतिशत यह दर्शाता है कि शिक्षा प्रणाली में कुछ सकारात्मक बदलाव आए हैं, परन्तु हमें यह भी याद रखना चाहिए कि आँकड़े हमेशा वास्तविक स्थिति को पूरी तरह नहीं दर्शाते। कई बार ऐसे “उच्च प्रतिशत” केवल परीक्षाओं की आसान प्रकृति या कड़े ग्रेडिंग मानकों के कारण भी हो सकते हैं। इसलिए, हमें यह देखना चाहिए कि क्या यह सफलता छात्रों की गहरी समझ और लागू करने की क्षमता को दर्शाती है। यदि नहीं, तो बोर्ड को पाठ्यक्रम को अद्यतन करना होगा, ताकि छात्रों को आलोचनात्मक सोच और वास्तविक जीवन की समस्याओं के समाधान की क्षमता मिल सके। इसके अलावा, कोडरमा जिले की उत्कृष्टता को देखकर हमें यह प्रेरणा मिलती है कि सही शैक्षिक वातावरण और प्रेरणादायक शिक्षक कैसे छात्रों को शीर्ष पर ले जा सकते हैं। हमें यह भी अभिव्यक्त करना चाहिए कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग अधिक सुलभ और सुरक्षित होना चाहिए, ताकि हर छात्र बिना किसी तकनीकी बाधा के अपनी प्रगति देख सके। अंत में, मैं इस बात को दोहराना चाहूँगा कि हर छात्र का भविष्य उसकी निरन्तर सीखने की इच्छा और समाज की समर्थन पर निर्भर करता है, न कि केवल एक अंकपत्र पर। इस प्रकार, परिणामों को एक प्रेरणा के रूप में देखना चाहिए, न कि अंतिम लक्ष्य।
DEBAJIT ADHIKARY
मई 20, 2024 AT 08:35परिणामों के पीछे की व्यापक प्रक्रिया को समझना आवश्यक है, और यह सराहनीय है कि बोर्ड ने पारदर्शिता पर बल दिया है। हम सभी को इस उपलब्धि पर अभिमान होना चाहिए, साथ ही सुधार की गुंजाइश को भी पहचानना चाहिए।
abhay sharma
मई 20, 2024 AT 20:49हां ठीक है, बहुत ही गहरा विश्लेषण है
Abhishek Sachdeva
मई 21, 2024 AT 21:49बोर्ड ने जो डिजिटल कदम उठाए हैं, वो काफ़ी हद तक हड़बड़ी में किए गए लगते हैं। कई छात्र अभी भी इंटरनेट की धीमी गति और सर्वर डाऊन होने की शिकायत कर रहे हैं। यदि ऐसी समस्याएँ हल नहीं होंगी तो परिणामों की वैधता पर सवाल उठेगा।
Janki Mistry
मई 22, 2024 AT 11:42डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में स्केलेबिलिटी और लोड बैलेंसर कॉन्फ़िगरेशन को ऑप्टिमाइज़ करने से एक्सेस टाइम में सुधार होगा।
Akshay Vats
मई 22, 2024 AT 20:02Yeh result to barii acchi haii lekin board ko thoda aur transparent bnana cahiye, especially seeding data access.
Anusree Nair
मई 23, 2024 AT 15:29सभी विद्यार्थियों को बधाई! इस सफलता को देख कर हम सभी को प्रेरणा मिलती है और यह दर्शाता है कि कठिन परिश्रम का फल जरूर मिलता है। आगे भी ऐसे ही सपोर्ट और सहयोग की भावना बनी रहे। मिलकर हम शिक्षा को और बेहतर बना सकते हैं।
Bhavna Joshi
मई 23, 2024 AT 23:49वास्तविक सीखने की प्रक्रिया को मापने के लिए केवल प्रतिशत नहीं, बल्कि कॉग्निटिव स्किल्स एसेसमेंट को भी शामिल करना आवश्यक है, जिससे छात्रों की दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित किया जा सके।
Ashwini Belliganoor
मई 24, 2024 AT 05:22परिणाम सराहनीय है पर सुधार की गुंजाइश है
Hari Kiran
मई 24, 2024 AT 16:29भाई, डिटेल में देखूँ तो तकनीकी समस्याएँ हल होनी चाहिए, नहीं तो छात्र निराश हो सकते हैं। मैं आशा करता हूँ बोर्ड इस दिशा में कार्य करेगा। 😊